इसमें बिल्डरों ने जमकर राजस्व का नुकसान पहुंचाया। विभाग ने ऐसे जिम्मेदारों की कुंडली बनाई और नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। विभाग उनसे पूछताछ कर टैक्स चोरी की जानकारी भी पता करेगा। वहीं, मेंडोरी के जंगल में 19 दिसंबर को जिसकी कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ नकद मिले, उस चेतन सिंह गौड़ के शनिवार को लिए बयान भी विभाग को दिए हैं। बता दें, भोपाल में बिल्डरों के 49 तो इंदौर में एक और ग्वालियर में दो ठिकानों पर आयकर ने 19 दिसंबर को दबिश दी थी। इसमें 10 करोड़ रुपए नकद और 24 से अधिक बैंक लॉकर, जेवरात, प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले थे। हर दिन जांच के बाद एजेंसियों के हाथ नए तथ्य लग रहे हैं।
सौरभ की काली कमाई का नया खुलासा
परिवहन विभाग के मालदार पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके रिश्तेदार, परिचितों के ठिकानों की जांच में नया खुलासा हुआ है। १९ दिसंबर को सुबह एक ओर सौरभ के अरेरा कॉलोनी स्थित घर और दफ्तर में लोकायुक्त दबिश दे रही थी, उसी समय राजदार काली कमाई को ठिकाने लगाने की साजिश रच रहे थे। चेतन गौड़ की कार में 52 किलो सोना और 11 करोड़ नकदी रखकर मेंडोरी के जंगल में पहुंचा दी गई। मेंडोरी में जिस प्लॉट पर कार खड़ी की, वह भी सौरभ के रिश्तेदार का था। इस प्लॉट का मालिक सौरभ की मां उमा शर्मा की बहन का दामाद है। उमा की बहनें ग्वालियर में ही रहती हैं। दामाद ने कुछ समय पहले ही यह प्लॉट खरीदा था। जांच एजेंसियां को आशंका है कि इस खरीदी में भी सौरभ की काली कमाई लगी है। भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में ईडी की दबिश के बाद यह भी साफ हुआ कि जहां-जहां सौरभ के रिश्तेदार हैं, वहां काला धन खपाया।
ग्वालियर
सौरभ शर्मा… मूलत: ग्वालियर का रहने वाला है। 47 विनयनगर (बहोडापुर) सेक्टर-2 में उसका घर है। यहां से ईडी को कई संपत्तियों के दस्तावेज मिले। मां उमा और सौरभ के ज्वॉइंट बैंक खाते और लॉकर फ्रीज किए। चेतन सिंह गौड़… चेतन मूलत: भिंड का है। वह ग्वालियर में लक्कडख़ाना स्थित गौर का बाड़ा में रहने लगा। सौरभ से दोस्ती हुई। सौरभ ने अपनी अविरल कंस्ट्रक्शन कंपनी में उसे डायरेक्टर बनाया। इसके दस्तावेज भी ईडी को मिले।