सीएम ने तभी जैन से विकसित भारत के लिए मप्र के रोडमैप पर चर्चा की, उसी दिन से जैन का नाम चल रहा था। सीएम और अनुराग जैन छह महीने में 5 बार मिल चुके हैं। केंद्र ने सोमवार को उनकी प्रतिनियुक्ति मप्र को लौटाई और उन्हें राज्य का प्रशासनिक मुखिया बनाया।
जैन 3 अक्टूबर को नवरात्रि के पहले दिन दिल्ली से भोपाल पहुंचकर नई जिम्मेदारी संभालेंगे। सोमवार को वीरा राणा को सीएस कार्यालय से विदाई दी गई। रात में वे सीएम से मिलीं। सीएस अनुराग जैन अगस्त 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। अभी से माना जा रहा है उन्हें एक सेवावृद्धि और मिलेगी।
केंद्र व राज्य ने जैन को विकसित भारत के सपनों की राह को आसान बनाने के लिए चुना है। इसके लिए उन्हें मप्र को विकसित बनाने सरकार के साथ कदम मिलाकर काम करने और कराने होंगे। तभी पीएम मोदी का सपना साकार होगा।
ग्वालियर के हैं नए चीफ सेक्रेटरी
- 11 अगस्त 1965 को जन्मे अनुराग जैन मूलत: ग्वालियर के हैं।
- आइआइटी खडग़पुर से ऑनर्स इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैक्सवेल स्कूल, सिरैक्यूज विवि, यूएसए से लोक प्रशासन में एमए।
- पहली पोस्टिंग 1990 में सागर जिले में।
- टेनिस के राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे। नेशनल में 11 मेडल जीते, क्रिकेट में एमपी का प्रतिनिधित्व किया।
- भोपाल, मंडला, मंदसौर कलेक्टर रहे।
- सीएम के सचिव, संयुक्त सचिव वित्त मंत्रालय, संयुक्त सचिव पीएमओ रहे।
ये हैं अनुराग जैन की क्वालिटीज
- एमपी कैडर में सबसे वरिष्ठ हैं। राज्य का अनुभव, केंद्र में गहरी पकड़, राज्य-केंद्र के बीच समन्वय में आसानी होगी।
- पीएमओ में रह चुके, पीएम मोदी के महत्वपूर्ण गतिशक्ति मिशन की करीब से समझ।
- बेदाग छवि, कम बोलते हैं, काम करने व कराने में ज्यादा विश्वास रखते हैं। कम समय में लेते हैं निर्णय।
इन यादगार फैसलों के लिए जाने जाते हैं
भोपाल कलेक्टर रहते ईदगाह हिल्स क्षेत्र की करीब 600 एकड़ जमीन शासकीय घोषित कराई। प्रदेश में सार्वजनिक सेवा वितरण अधिनियम लागू कराने में अहम भूमिका। राजधानी में अतिक्रमण हटाने की चर्चित कार्रवाई की। राज्य की वित्तीय स्थिति सुधारना, ताकि कर्ज लेने की नौबत न आए। प्रशासनिक ढर्रे को पटरी पर लाना और गुड गवर्नेंस को आगे बढ़ाना।
एमपी को विकसित बनाकर पीएम मोदी के विकसित भारत के सपने को पूरा करना। राज्य में कल्याणकारी योजना अमल कराना। 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए उज्जैन के विकास को गति देना।
काम के दम पर जीते ये पुरस्कार
ई-गवर्नेंस के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और केंद्र से वेब उत्कृष्टता पुरस्कार। सर्वश्रेष्ठ जिला ग्रामीण विकास प्राधिकरण और नैसकॉम आईटी उपयोगक मोहन यादव को इसलिए पसंद आए अनुराग पीएमओ में संयुक्त सचिव रहे। आइटी, कृषि, खाद्य-उपभोक्ता मामले, रसायन, उर्वरक, श्रम- कौशल विकास आदि मंत्रालयों के बीच समन्वय किया। वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में पीएम जन-धन योजना की अवधारणा को जमीन पर उतारने का श्रेय।
वित्तीय मामलों में केंद्र व राज्य को गति दी। बैंक, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक, राष्ट्रीय बीमा कंपनी, भारतीय औद्योगिक वित्त निगम, अध्यक्ष के रूप में काम किया।
राजौरा और मिश्रा इसलिए पिछड़े
अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री डॉ. राजेश राजौरा व अपर मुख्य सचिव गृह एसएन मिश्रा का नाम अंतिम समय तक दौड़ में रहा। दोनों 1990 बैच के अफसर हैं। इनमें से किसी को चुना जाता तो 1989 बैच के एसीएस मोहम्मद सुलेमान, विनोद कुमार, जेएन कंसोटिया की वरिष्ठता प्रभावित होती, सुलेमान को बाहर करना पड़ता। 90 बैच के एसीएस मलय श्रीवास्तव और अजीत केसरी को भी मंत्रालय से बाहर जाना पड़ता। इससे प्रशासनिक संतुलन गड़बड़ा जाता।