इस दौरान वे शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा व भक्ति में लीन रहते हैं। वहीं देवी मां ( nav durga )को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी करते हैं। ये व्रत पूरे नौ दिनों तक चलता है। जबकि कुछ लोग कई कारणों के चलते कुछ ही दिनों का व्रत ( Vrat ) भी करते हैं।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार नवरात्रि का हर किसी के जीवन में एक खास महत्व होता है। चाहे वह बच्चा हो या बूढ़ा, नवरात्रि की प्रति हर किसी की श्रद्धा रहती है। ऐसे में नवरात्रि ( navratri ) के दौरान व्रत रखना और मां दुर्गा के प्रति आस्था प्रकट करने का चलन है। माना जाता है कि नवरात्रि ( navratri 2019 ) में व्रत रखने से मां प्रसन्न होती है और अपने भक्तों को मनवांछित फल देती है।
वहीं जानकारों का भी मानना है कि शरीर के लिए व्रत रखना अच्छी बात है, लेकिन इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि इससे हमारा स्वास्थ्य प्रभावित न हो। कई बार व्रत के दौरान लोगों को कमजोरी, सिर में दर्द, चक्कर आना, एसिडिटी और उल्टी आने की समस्या होती है। माना जाता है कि ये सब खाली पेट और पोषक तत्वों की शरीर में कमी के चलते होता है।
इस साल यानि 2019 की शारदीय नवरात्र 29 सितंबर यानि रविवार से शुरू हो रहे हैं। ऐसे में भक्त देवी माता को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखेंगे। लेकिन व्रत के दौरान होने वाली शारीरिक समस्याओं से दूर रखने के लिए हम आपको कुछ ऐसे फूड्स बता रहे हैं, जिन्हें व्रत के दौरान लेंने से आपको पूरे दिन एनर्जी मिलेगी और शरीर में ताकत भी बनी रहेगी। साथ ही आपका व्रत भी नहीं टूटेगा।
MUST READ: दुर्गा पूजा पर कन्याभोज का महत्व और ऐसे मिलेगा मनचाहा आशीर्वाद व्रत के दिन खाएं ये हेल्दी रेसिपी: 1. साबूदाना: शरीर को होंगे ये खास फायदे :-
नवरात्र व्रत में खाए जाने वाली चीजों में साबूदाना वह है जो आपको दिनभर एनर्जी देती है और शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होती है। साबूदाना आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है और आप इसे व्रत में भी खा सकते हैं।
नवरात्र व्रत में खाए जाने वाली चीजों में साबूदाना वह है जो आपको दिनभर एनर्जी देती है और शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होती है। साबूदाना आपकी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है और आप इसे व्रत में भी खा सकते हैं।
साबूदाना की खीर, साबूदाना की खिचड़ी, साबूदाना के पकौड़े आदि व्रत में चाव से खाए जाते हैं। साबूदाने में आयरन, कैल्शियम, कॉपर, सेलेनियम, विटामिन बी-6, बी-कॉम्प्लेक्स, सोडियम आदि पाया जाता है। यही कारण है कि अगर आप व्रत में साबूदाना खाते हैं, तो आपके शरीर में दिनभर एनर्जी बनी रहती है और शरीर के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व आपको मिल जाते हैं।
देर तक रखता है पेट भरा- इसके साथ ही साबूदाने में फाइबर की मात्रा भरपूर होती है, इसलिए ये आपका पेट लंबे समय तक भरा रखता है। फाइबर वाले आहार खाने से व्रत के दौरान कब्ज, गैस आदि की समस्या भी नहीं होती है और पेट अच्छी तरह साफ होता है। साबूदाने में 45% कार्ब्स होता है, जिससे आपको देर तक भूख का एहसास नहीं होता है।
MUST READ : नवरात्रि पर कर लें ये उपाय मिलेगा मनचाहा वर व वधु, दूर होगी प्रेम विवाह की अड़चन! दिनभर शरीर में बनी रहती है एनर्जी – साबूदाना खाने से आपके शरीर में दिनभर एनर्जी बनी रहती है। इसका कारण यह है कि इसमें ढेर सारे विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं, जिनकी आपके शरीर को रोजाना जरूरत होती है। कार्ब्स और कार्बोहाइड्रेट्स होने के कारण ये शरीर में जाते ही इंस्टैंट एनर्जी देता है।
पाचन में आसानी- व्रत के दौरान भारी चीजें खाने से आपको नींद आती है और गैस की समस्या हो सकती है। इसलिए व्रत में हमेशा ऐसी चीजें खाने की सलाह दी जाती है, जो आसानी से पच जाए। साबूदाने में फाइबर होने के कारण ये अच्छी तरह और आसानी से पच जाता है। जिससे आपको पेट फूलने, गैस, अपच और कब्ज की समस्या नहीं होती है।
बढ़ाता है खून- साबूदाने में आयरन भी भरपूर होता है इसलिए ये आपके शरीर में खून की कमी दूर करता है। साबूदाना में मौजूद आयरन शरीर में रेड ब्लड सेल्स को बढ़ाने में मदद करता है।
हड्डियों और मांसपेशियों को करे मजबूत – कैल्शियम की अच्छी मात्रा होने के कारण साबूदाना हड्डियों और मांसपेशियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा इसमें आयरन, विटामिन और प्रोटीन की मात्रा भी अच्छी होती है। ये तत्वहड्डियों की कमजोरी को दूर करते हैं और उन्हें मजबूत बनाते हैं।
2. फ्राई आलू : बनाने में आसान और फायदेमंद भी :-
व्रत के दौरान फ्राई आलू सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला व्यंजन है। इसे बनाना भी आसान है साथ ही ये ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत भी है।
व्रत के दौरान फ्राई आलू सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला व्यंजन है। इसे बनाना भी आसान है साथ ही ये ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत भी है।
ऐसे करें तैयार- इसके लिए सबसे पहले 4-5 आलू उबाल लीजिए और उसके छिलके उतारने के बाद उन्हें 4-6 टुकड़ों में काट लीजिए। एक कढ़ाई में थोड़ा सा तेल गर्म कर जीरा डालिए। जीरा तड़कने के बाद आलू, नमक और आधा छोटी चम्मच काली मिर्च डालकर आलू 2-3 मिनट तक भूनिये, गैस बन्द कर दीजिये, हरा धनिया और एक नींबू का रस डाल कर मिलाइये। व्रत के आलू तैयार हैं। माता को भोग लगाकर परिवारजनों के साथ खाइए।
3. फलों का रायता : पौष्टिकता से भरपूर –
अगर व्रत के दौरान आप फलों का रायता खाते हैं तो आपको और कोई पौष्टिक खाने की जरूरत नहीं होगी। क्योंकि न तो इसे बनाने में तेल का इस्तेमाल किया जाता है और न ही गैस खर्च होती है। इसे बनाना भी बहुत आसान है। यह आपको पूरे दिन तरोताजा रखता है और आपके पाचन शक्ति को कमजोर भी नहीं होने देगा।
अगर व्रत के दौरान आप फलों का रायता खाते हैं तो आपको और कोई पौष्टिक खाने की जरूरत नहीं होगी। क्योंकि न तो इसे बनाने में तेल का इस्तेमाल किया जाता है और न ही गैस खर्च होती है। इसे बनाना भी बहुत आसान है। यह आपको पूरे दिन तरोताजा रखता है और आपके पाचन शक्ति को कमजोर भी नहीं होने देगा।
MUST READ : नौ देवियों की नौ औषधि बनाने की विधि- 1 केले के मोटे-मोटे गोल टुकड़े काट लीजिये। 1 सेब को छोटे-छोटे टुकड़े काट लीजिए। 40-50 अंगूर लें और खरबूज के छोटे-छोटे टुकड़े लें। 400 ग्राम (2 कप) दही को 100 ग्राम मलाई और 2 -3 टेबल स्पून चीनी मिला कर फेंट लीजिये।
सारे तैयार फल दही में मिलाइये। 2 इलायची छील कर बारीक कूट लीजिये और रायते में मिला दीजिये। रायते को ठंडा होने के लिये फ्रिज में रख दीजिये। फलों का रायता तैयार है, ठंडा खुशबू दार रायता परोसिये और खाइये। फलों का रायता बनाने के लिये आप अपने मन पसन्द कोई भी फल ले सकते हैं और कोई भी हटा सकते हैं।
4. कुट्टू के आटा: नहीं टूटेगा आपका व्रत :-
नवरात्र व्रत के दौरान कुट्टू के आटे की बनी चीजें खाने का चलन है। नवरात्रि में कुट्टु के आटे की रोटी या पकौड़ी बनाकर चाय या फिर और टमाटर की चटनी के साथ स्वाद लेकर खाया जाता है। कुट्टू के आटे से कई ऐसी चीजें बनती हैं,जिनका व्रत के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है,ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान अनाज का सेवन नहीं किया जाता है।
MUST READ : जानिये देवी मां को किस दिन चढ़ाएं कौन सा भोग कुट्टू का आटा अपने अंदर बहुत से गुण छिपाए हुआ है। कुट्टू सिंघाड़ा से भी बनता है और बक्वीट के पौधों के बीज से भी। कुट्टू कहे जाने वाले आटे को अंग्रेजी में ‘बक्वीट’ तो पंजाब में ‘ओखला’ के नाम से जाना जाता है। इसे वैज्ञानिक भाषा में ‘फैगोपाइरम एसक्युल्युटम’ कहते है। ये बक्वीट का पौधा होता है।
( कुट्टू के आटे को लेेकर इस बात का रखें खास ध्यान:- नवरात्रि के दौरान कई बार बाजार में लोगों को ठगने की मंशा से कई नकली आटा भी आ जाते है। जिससे बाजार में जहरीला कुट्टू का आटा आने लगता है। 2011 में इस जहरीले कुट्टू के आटे को खाकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 200 लोगों के बीमार होने की खबर भी आई थी।
कुट्टू का आटा जहर तब बन जाता है जब ये पुराना होता है। विशेषज्ञों की मानें तो कुट्टू का आटा बनने के एक माह तक ही खाने लायक रहता है और उसके बाद ये खराब हो जाता है। पुराना होने पर ये जहरीला हो जाता है और खाने लायक नहीं रहता।)
अ. कुट्टू की खिचड़ी-
नवरात्र की पूजा शुरू होने के साथ ही लोगों के व्रत भी शुरू हो गए हैं। इस व्रत में कई लोग कुट्टु के आटे की पूरी या परांठे भी खाते हैं। लेकिन इसमें तेल होने के कारण कैलोरी बहुत अधिक होती है। ऐसे में कुट्टु के आटे से बनी खिचड़ी खाएं।
नवरात्र की पूजा शुरू होने के साथ ही लोगों के व्रत भी शुरू हो गए हैं। इस व्रत में कई लोग कुट्टु के आटे की पूरी या परांठे भी खाते हैं। लेकिन इसमें तेल होने के कारण कैलोरी बहुत अधिक होती है। ऐसे में कुट्टु के आटे से बनी खिचड़ी खाएं।
कुट्टु बहुत ही ज्यादा पौष्टिक और ऊर्जापूर्ण वाला आहार है। ऐसे में व्रत में इसकी खिचड़ी व्रतधारियों को पूरे दिन एनर्जेटिक बनाए रखने में मदद करती है। कुट्टु शरीर को गर्म करता है इसलिए ठंडे मौसम में ही खाएं।
जरूरी सामग्रीः
1 कप कुट्टू का आटा, 2 मध्यम आलू चैकोर कटे, 2 कप पानी, 1 हरी मिर्च, 1/2 इंच अदरक, 1/2 चम्मच जीरा, 1 चम्मच चीनी, 2 चम्मच मूंगफली, 1 चम्मच घी, 1 चम्मच धनिया, नींबू रस, सेंधा नमक
1 कप कुट्टू का आटा, 2 मध्यम आलू चैकोर कटे, 2 कप पानी, 1 हरी मिर्च, 1/2 इंच अदरक, 1/2 चम्मच जीरा, 1 चम्मच चीनी, 2 चम्मच मूंगफली, 1 चम्मच घी, 1 चम्मच धनिया, नींबू रस, सेंधा नमक
बनाने की विधि:
सबसे पहले तवे को गर्म कर उसमें बिना नमक और तेल के मूंगफली को अच्छी तरह से रोस्ट कर लें। अब इन रोस्ट की हुई मूंगफली का पावडर बनाएं। : अब कुट्टु को अच्छी तरह से धोएं।
: फिर एक पैन में घी गर्म करें। उसमें जीरा डालें।
: फिर इस पैन में बारीक कटी हुई मिर्च और अदरक डालकर चलाएं।
: अब इसमें आलू डालकर फ्राई करें।
: जब आलू अच्छी तरह से फ्राई हो जाए तो उसमें पिसी हुई मूंगफली और कुट्टु डालकर दो मिनट तक चलाएं।
: अब इसमें पानी, चीनी और नमक डालें। अब पैन को ढंक कर उसे धीमी आंच में पकने दें।
: जब इसमें से पानी पूरी तरह से सूख जाएं तो गैस बंद कर उसमें कटी हुई हरी धनिया ऊपर से डालें।
: अब आपकी कुट्टु की खिचड़ी तैयार है।
सबसे पहले तवे को गर्म कर उसमें बिना नमक और तेल के मूंगफली को अच्छी तरह से रोस्ट कर लें। अब इन रोस्ट की हुई मूंगफली का पावडर बनाएं। : अब कुट्टु को अच्छी तरह से धोएं।
: फिर एक पैन में घी गर्म करें। उसमें जीरा डालें।
: फिर इस पैन में बारीक कटी हुई मिर्च और अदरक डालकर चलाएं।
: अब इसमें आलू डालकर फ्राई करें।
: जब आलू अच्छी तरह से फ्राई हो जाए तो उसमें पिसी हुई मूंगफली और कुट्टु डालकर दो मिनट तक चलाएं।
: अब इसमें पानी, चीनी और नमक डालें। अब पैन को ढंक कर उसे धीमी आंच में पकने दें।
: जब इसमें से पानी पूरी तरह से सूख जाएं तो गैस बंद कर उसमें कटी हुई हरी धनिया ऊपर से डालें।
: अब आपकी कुट्टु की खिचड़ी तैयार है।
ब. कट्टू के आटे का चीला –
व्रत के दरान कई घरों में कट्टू के आटे का इस्तेमाल भोजन के लिए किया जाता है। कूटू के आटे से व्रत के लिये तरह-तरह के व्यंजन बनाये जाते हैं। इन व्यंजनों में कूट्टू के आटे का चीला बहुत से लोगों द्वारा पसंद किया जाता है।
ऐसे बनाएं: इसे घर में बनाने के लिए 100 ग्राम (आधा कप) कूट्टू का आटा छान कर किसी बर्तन में निकाल लीजिए। 200 – ग्राम अरबी धोकर उबाल लीजिये। अरबी को छील कर, कद्दूकस करके, मैस कर लीजिये।
कूट्टू के आटे में मिलाइये, थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर, आटे को घोलते जाइये, गुठलियां नहीं पड़नी चाहिए। घोल को अधिक गाढ़ा और अधिक पतला मत कीजिये। घोल को 15 मिनट के लिये ढककर रख दीजिये।
घोल में 1 छोटा चम्मच नमक, आधा छोटा चम्मच काली मिर्च और एक टेबल स्पून कतरा हुआ हरा धनिया मिला लीजिये। तवा गैस पर रखिये, गरम कीजिये, एक बड़ा चमचा घोल तवे पर डालिये और चमचे से गोल गोल चलाते हुये पतला चीला फैलाइये।
चीले की निचली सतह ब्राउन होने तक सेक कर पलट दीजिये। दूसरी तरफ भी ब्राउन होने तक सेकिये। चीला तवे से उतारकर प्लेट में रखी कटोरी के ऊपर रखिये। सारे चीले इसी तरह बनाकर तैयार कर लीजिये। कूट्टू के चीले तैयार हैं इन्हैं आप गरम गरम फ्राई आलू या दही के साथ खाइये।
स. कुट्टू की पकौड़ी –
वहीं कुट्टू की पकौड़ी व्रत के दौरान कुछ चटकदार खाने का मन करने के समय खाई जाती है। ऐसे बनाएं: इसे बनाने के लिए 150 ग्राम कुट्टू का आटा, 100 ग्राम कच्चा कद्दू, 2 आलू, 1 चम्मच हरीमिर्च-अदरक का पेस्ट, सेंधा नमक और काली मिर्च पाउडर स्वादानुसार, तलने के लिये घी। कद्दू और आलू को छीलकर कस लें। कुट्टू के आटे में पानी डालकर पकौड़ी के घोल की तरह गाढ़ा घोल लें, इस घोल में अदरक-हरी मिर्च का पेस्ट और नमक मिलाएं।
वहीं कुट्टू की पकौड़ी व्रत के दौरान कुछ चटकदार खाने का मन करने के समय खाई जाती है। ऐसे बनाएं: इसे बनाने के लिए 150 ग्राम कुट्टू का आटा, 100 ग्राम कच्चा कद्दू, 2 आलू, 1 चम्मच हरीमिर्च-अदरक का पेस्ट, सेंधा नमक और काली मिर्च पाउडर स्वादानुसार, तलने के लिये घी। कद्दू और आलू को छीलकर कस लें। कुट्टू के आटे में पानी डालकर पकौड़ी के घोल की तरह गाढ़ा घोल लें, इस घोल में अदरक-हरी मिर्च का पेस्ट और नमक मिलाएं।
साथ ही कसा हुआ आलू और कद्दू भी डाल दें। कड़ाही में घी गर्म करें, जब घी गर्म हो जाये तो उसमें इस घोल की छोटी-छोटी पकौड़ियां डालकर तल लें। फिर इसे हरे धनिये की चटनी के साथ परोसें। ये चार रेसिपीज व्रत के दौरान आप बना कर खा सकते हैं। ये बनाने में आसान होते हैं और इन्हें खाने से आपको जल्दी भूख भी नहीं लगेगी।
व्रत में इस तरह रखें अपना व अपनों का ख्याल :-
: एक साथ खूब सारा पानी पीने के बजाए दिन में कई बार नींबू वाला पानी पिएं।
: व्रत के दौरान चाय, काफी का सेवन काफी बढ़ जाता है। इस पर नियंत्रण रखें।
: व्रत की शुरुआत में भूख काफी लगती है। ऐसे में पानी में नींबू और शहद डालकर पिएं।
: व्रत के दौरान आलू चिप्स और दूसरे स्नैक्स कम से कम खाएं।
: सुबह एक गिलास दूध पिएं।
: दोपहर के समय फल या जूस लें। शाम को ग्रीन टी लें।
: कई लोग व्रत में एक बार ही भोजन करते हैं। ऐसे में एक निश्चित अंतराल पर फल खाएं।
: रात के खाने में कुट्टू या ¨सघाड़े के आटे से बनी पूरी व हरी सब्जी लें।
: एक साथ खूब सारा पानी पीने के बजाए दिन में कई बार नींबू वाला पानी पिएं।
: व्रत के दौरान चाय, काफी का सेवन काफी बढ़ जाता है। इस पर नियंत्रण रखें।
: व्रत की शुरुआत में भूख काफी लगती है। ऐसे में पानी में नींबू और शहद डालकर पिएं।
: व्रत के दौरान आलू चिप्स और दूसरे स्नैक्स कम से कम खाएं।
: सुबह एक गिलास दूध पिएं।
: दोपहर के समय फल या जूस लें। शाम को ग्रीन टी लें।
: कई लोग व्रत में एक बार ही भोजन करते हैं। ऐसे में एक निश्चित अंतराल पर फल खाएं।
: रात के खाने में कुट्टू या ¨सघाड़े के आटे से बनी पूरी व हरी सब्जी लें।
: दिन में 4-5 बार फल या जूस का सेवन करें।
: सुबह हैवी नाश्ता लें।
: नौ दिनों के व्रत के बाद आपको संतुलित आहार का ही सेवन करें।
: दूध, नारियल पानी व फल का भरपूर प्रयोग करें।
: रात में पनीर टिक्का व हरी सब्जी लें।
: सीताफल व लौकी का सूप पिएं।
: रायता व सलाद का सेवन जरूर करें।
: भुना साबूदाना, मखाने का सेवन करें।
: सूखे मेवे का सेवन करें।
: सुबह हैवी नाश्ता लें।
: नौ दिनों के व्रत के बाद आपको संतुलित आहार का ही सेवन करें।
: दूध, नारियल पानी व फल का भरपूर प्रयोग करें।
: रात में पनीर टिक्का व हरी सब्जी लें।
: सीताफल व लौकी का सूप पिएं।
: रायता व सलाद का सेवन जरूर करें।
: भुना साबूदाना, मखाने का सेवन करें।
: सूखे मेवे का सेवन करें।
-: व्रत के दौरान इन चीजों से रखें दूरी :- नवरात्र के व्रत में आहार को लेकर संजीदा रहना बहुत जरूरी है। व्रत में पौष्टिक आहार न लेकर चिप्स, पूड़ी आदि तले हुए खाद्य पदार्थो का सेवन करने से वजन बढ़ सकता है। स्वास्थ्य संबंधी अन्य परेशानियां हो सकती हैं। आहार विशेषज्ञ व चिकित्सक नवरात्र के व्रत के दौरान तले खाद्य पदार्थो से दूरी बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं।
देश में व्रतों का महत्व प्राचीन काल से चलता आ रहा है। उसमें नवरात्रों के व्रत का विशेष महत्व है। आज के दौर में उसमें थोड़ा बहुत बदलाव देखने को मिल रहा है। कुछ लोग वजन घटाने के लिए नौ दिनों का व्रत रखते हैं, लेकिन वसा व प्रोटीनयुक्त भोजन करते हैं। इससे वजन घटने के बजाय बढ़ सकता है।
गर्भवती यदि रखें व्रत: चिकित्सक से अवश्य सलाह –
गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को चिकित्सक की सलाह लेकर व्रत रखना चाहिए। खासकर रक्त चाप, मधुमेह, हृदय, अस्थमा, पेट आदि रोग से पीड़ित व्यक्तिों को खास ध्यान रखना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को व्रत रखने से बचना चाहिए। यदि वह व्रत रखती हैं तो चिकित्सक से सलाह लेकर उचित आहार लेना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं और बीमार लोगों को चिकित्सक की सलाह लेकर व्रत रखना चाहिए। खासकर रक्त चाप, मधुमेह, हृदय, अस्थमा, पेट आदि रोग से पीड़ित व्यक्तिों को खास ध्यान रखना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को व्रत रखने से बचना चाहिए। यदि वह व्रत रखती हैं तो चिकित्सक से सलाह लेकर उचित आहार लेना चाहिए।