पुलिस विभाग में रहे शंकर लाल रैकवार ने विभाग की ओर से आयोजित राष्टीय स्तर की प्रतियोगिताओं में कई बार हॉकी में बेहतरीन खेल दिखाया। कई बार उन्होंने खेलों में मध्य प्रदेश पुलिस का प्रतिनिधित्व किया। उनकी इस विरासत को आगे बढ़ाया उनकी दोनों बेटियों पूमन रैकवार और जयश्री रैकवार ने। दोनों ने बचपन से पिता को खेलते हुए देखा और उन्हीं से हॉकी की बारीकियां सीखीं।
पूनम ने बताया कि वे 16 बार राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता में भाग ले चुकी हैं। 1989 से 95 तक लगातार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व किया। तीन बार ऑल इंडिया हॉकी में प्रतिनिधित्व किया। 1993 में मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित किया। इस साल हाल ही में हुई सिविल सर्विस हॉकी नेशनल में भी उन्होंने भाग लिया।
पूनम की छोटी बहन जयश्री रैकवार भी राष्ट्रीय स्तर पर हॉकी खेल चुकी हैं। जयश्री कहती हैं कि पिता को हॉकी खेलते देखा और फिर हमने भी हॉकी थाम ली। जयश्री पुलिस विभाग में कार्यरत हैं। हॉकी के अलावा वे एथलेटिक्स में स्टेट चैंपियन रही हैं। राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीता। 2018 में एशिया पेसिफिक मास्टर गेम्स में गोल्ड मेडल जीता। अभी जयश्री बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी हैं। जयश्री के पति नीतेश देवड़ा भी हॉकी प्लेयर रहे हैं।
बच्चे मैदान में बहा रहे पसीना
पूनम की बेटी कृतिका, बेटा कार्तिक और जयश्री का बेटा पुष्पेश देवड़ा भी खेलों में अपनी चमक बिखेर रहे हैं। कृतिका स्कूल स्तर पर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में दो बार खेल चुकी हैं। वुमन राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता एवं ओपन जूनियर राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता में छह बार मध्य प्रदेश टीम से प्रतिनिधित्व किया है। कार्तिक भी सब जूनियर राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिताओं में खेल चुका है। कार्तिक अपने आप को भारतीय हॉकी टीम के लिए तैयार कर रहा है। पुष्पेश वॉलीबॉल खिलाड़ी है। पुष्पेष भी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में नर्मदापुरम का प्रतिनिधि कर चुका है।