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फिल्म बनाने का उद्देश्य
इन बच्चों का इलाज गैस पीड़ितों के हित में काम करने वाले चिंगारी ट्रस्ट द्वारा किया जाता है। लेकिन वो इलाज भी पूर्ण रूप से पर्याप्त नहीं है। इन्हें उम्मीद है की इन्हें पूर्णता इलाज सरकार द्वारा मुहैया कराया जाएगा। नासूर नामक इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को बनाने का उद्देश्य इन्हीं मुख्य प्रश्नों को उठाना है।
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फिल्म बनाने में इन लोगों का योगदान
फिल्म का मार्गदर्शन एवं क्रिएटिव डायरेक्टर आशीष भवालकर (lecture are in cinematography applied videography) एवं निर्देशन शाहरुख कुरैशी कैमरामैन विजय बोड़खे पॉस्ट प्रोडक्शन हेड अभिनव द्विवेदी संपादन शाहरुख कुरैशी के साथ विजय ने किया है।
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फिल्म को मिल चुका है 5 बार नेशनल पुरुस्कार
फिल्म के जरिये भोपाल गैस त्रासदी के बाद कई पीड़ित परिवारों का दर्द बयां किया गया है। फिल्म को देहरादून की आई.एम.एस यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित मीडिया एवं फिल्म फेस्टिवल 2019 में सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री श्रेणी प्रथम पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। साथ ही, दिल्ली में आयोजित आर.के मीडिया एवं फिल्म फेस्टिवल 2020 में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया। इसके अलावा, कोलकाता में आयोजित होटोमेला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2020 में बेस्ट डॉक्यूमेंट्री अवार्ड भी मिला। वहीं, एनसीईआरटी द्वारा आयोजित ऑल इंडिया चिल्ड्रन एजुकेशन ऑडियो वीजुअल फिल्म फेस्टिवल 2020 में केरला में बेस्ट स्क्रिप्ट अवार्ड से भी नवाजा गया। यही नहीं हालही में विज्ञान प्रसार के नेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल 2020 नॉमिनेटेड और फिल्म को सराहा गया है।