बैतूल के कृषि विभाग के मुताबिक जिले में गन्ने का रकबा करीब 22000 हेक्टेयर है। करीब 20000 किसान इसकी खेती करते हैं। बैतूल जिले में अभी पांच शुगर फैक्ट्री हैं जिनमें अधिकांश गन्ना खप जाता है। करीब 15 प्रतिशत किसान गुड़ भी बनाते हैं। बैतूल में हर साल 25 हजार मीट्रिक टन गुड़ का उत्पादन होता है।
यह भी पढ़ें: सोमवार को स्कूली वाहनों के ड्राइवरों की छुट्टी, बंद रहेंगी बसें और वैन जिले में न केवल पर्याप्त गन्ना होता है बल्कि यहां के गन्ने में शुगर की मात्रा भी अधिक पाई जाती है। बैतूल में गुड़ के साथ ही शुगर मिल की भी संभावनाएं हैं। शुगर मिल होने से एथेनॉल की फैक्ट्री भी लग सकती है जिसका लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
एथेनॉल की नर्मदापुरम में भी संभावनाएं
पास के ही संभागीय मुख्यालय नर्मदापुरम में भी एथेनॉल की खासी संभावनाएं हैं। नर्मदापुरम जिले में 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना की खेती हो रही है। इससे किसानों को औसतन 1 लाख रुपए प्रति एकड़ का मुनाफा होता है।
पास के ही संभागीय मुख्यालय नर्मदापुरम में भी एथेनॉल की खासी संभावनाएं हैं। नर्मदापुरम जिले में 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना की खेती हो रही है। इससे किसानों को औसतन 1 लाख रुपए प्रति एकड़ का मुनाफा होता है।
नर्मदापुरम जिले के कृषि उप संचालक जेआर हेडऊ के अनुसार यहां गन्ना आधारित उद्योगों के लिए खासी संभावनाएं हैं। नर्मदापुरम में शुगर मिल के साथ ही एथेनॉल के नए उद्योग की भी स्थापना की जा सकती है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति बदल जाएगी।
नर्मदापुरम के बनखेड़ी ब्लॉक में वर्तमान में शुगर मिल चल रही है। मिल को हर साल लाखों टन गन्ना आसानी से मिल रहा है। एक नजर में
गन्ने की खेती बैतूल में 22000 हेक्टेयर में
गन्ने की खेती नर्मदापुरम में 5000 हेक्टेयर में
गन्ने की खेती बैतूल में 22000 हेक्टेयर में
गन्ने की खेती नर्मदापुरम में 5000 हेक्टेयर में