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मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में पर्यटन बढ़ेगा। सीएम डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर पर्यटन विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। अधिकारियों के अनुसार प्रयागराज और जबलपुर के बीच सड़क मार्ग से दूरी लगभग 366 किलोमीटर है। इसे तय करने में लगभग छह घंटे लगते हैं। दोनों शहर राष्ट्रीय राजमार्ग 30 से जुड़े हैं। पर्यटन कॉरिडोर बनाने के लिए किसी फिजीकल तैयारी की जरूरत नहीं है। केवल पर्यटकों को एक जगह से दूसरी जगह डायवर्ट करने की जरूरत है। इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
कॉरिडोर बनाने यह किए जाएंगे काम
कॉरिडोर बनाने के लिए पर्यटन विभाग यूपी-एमपी के निवेशकों को आमंत्रित करेगा। सुविधाएं व इंसेंटिव देकर कॉरिडोर में पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएंगी। होटल, रिसॉर्ट, रेस्टोरेंट बनाए जाएंगे। धार्मिक महत्व बताते हुए ब्रांडिंग की जाएगी। टूर ऑपरेटर्स के जरिए पैकेज शुरू कराए जाएंगे। सुगम आवागमन के लिए कैब, बस और ट्रैवलर की व्यवस्था भी होगी। प्रयागराज आने वाले पर्यटकों को रीवा, अमरकंटक, जबलपुर और जबलपुर आने वाले पर्यटकों को प्रयागराज डायवर्ट किया जाएगा। इससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
यहां भी घूम सकेंगे
प्रयागराज से जबलपुर की यात्रा के दौरान पर्यटक मध्य प्रदेश के कई पर्यटन स्थलों का भी आनंद ले सकेंगे। जैसे रीवा में केवटी वाटरफॉल, व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर, मैहर में शारदा माता मंदिर आदि। जबलपुर में धुआंधार जलप्रपात, भेड़ाघाट भी रूट पर पड़ेंगे। इसके अतिरिक्त बांधवगढ़, पन्ना, कान्हा नेशनल पार्क, अमरकंटक भी घूम सकेंगे।
गोल्डन ट्रायंगल से भी जुड़ेगा मध्य प्रदेश
उत्तरप्रदेश में प्रयागराज, अयोध्या और बनारस को पर्यटन के गोल्डन ट्रायंगल कहा जाता है। इससे भी मध्य प्रदेश को जोड़ा जाएगा। अधिकारियों के अनुसार राम पथ गमन मार्ग से चित्रकूट को अयोध्या से जोड़ा जाएगा। प्रयास किया जा रहा है कि बनारस में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए आने वाले पर्यटक मप्र में ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करें।
बनाया जा रहा गंगा-नर्मदा टूरिज्म कॉरिडोर
गंगा और नर्मदा के बीच में टूरिज्म कॉरिडोर बनाया जा रहा है। निवेशकों के माध्यम से सुविधाएं विकसित की जाएंगी। -शिवशेखर शुक्ला, पीएस, पर्यटन ये भी पढ़ें: