दो दिन पहले उज्जैन के आसपास जमकर बारिश हुई थी जिससे क्षिप्रा उफन गई थी। जलस्तर बढ़ने से 12 जुलाई को क्षिप्रा तट के कई मंदिरों डूब गए थे। अब यही स्थिति बड़वानी की हो गई है। यहां नर्मदा में उफान आ गया है।
बड़वानी के राजघाट Narmada floods at Rajghat in Barwani पर गुरुवार को ही नर्मदा खतरे के निशान से 0.600 मीटर ऊपर आ गई थी। यहां जलस्तर 123.900 पर जा पहुंचा जिससे किनारे बसे गांवों पर डूबने का खतरा मंडराने लगा। ऐसे में डूब की आशंका वाले गांवों को पहले ही खाली करा लिया गया।
बड़वानी Barwani flood एसडीएम घनश्याम धनगर ने बताया कि राजघाट में नर्मदा खतरे के निशान को पार कर गई है। प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर रख रखा है। सुरक्षा के मद्देनजर कुछ इलाके खाली करा लिए गए हैं।
दरअसल नर्मदा में इंदिरा सागर बांध और ओंकारेश्वर बांध के टरबाईन से पानी छोड़े जाने के कारण भी जलस्तर बढ़ा। यहां इंदिरा सागर से 1610 क्यूसेक और ओंकारेश्वर से 1896 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। राजघाट पर खतरे का निशान 123.280 मीटर है। एनवीडीए के अनुसार तेज बारिश से नर्मदा का जलस्तर खतरे के निशान से 0.600 मीटर ऊपर पहुंच गया। यहां नर्मदा 123.900 पर बह रही है।
नर्मदा के उफान पर आने की वजह से किनारे के गांवों के डूबने की स्थिति पैदा हो गई है। ऐसे में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। लगातार बारिश के कारण जलस्तर बढ़ने की आशंका है।
बुरहानपुर में ताप्ती नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी है। घाटों पर होमगार्ड के जवान तैनात कर दिए गए हैं। मुरैना में चंबल का जलस्तर भी बढ़ रहा है लेकिन खतरे के निशान से बहुत नीचे हैं।