इसे भी पढ़ें- कांग्रेस नेताओं के वैचारिक पुरखे तक संघ का कुछ नहीं बिगाड़ पाए : नरेंद्र सिंह तोमर
Q. कमलनाथ सरकार को 121 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, फिर किस बोझ की बात कर रहे हैं ?
A. सरकार का कामकाज देख लीजिए। मध्यप्रदेश में ऐसे हालात कभी नहीं थे। ऐसी तो कांग्रेस की सरकारें भी नहीं थीं। भाजपा की सरकार लाख गुना बेहतर काम कर रही थी। बिजली सरप्लस है पर उपभोक्ताओं को नहीं मिल रही है। कर्ज माफी की घोषणा खुद की पर किसानों के खाते में पैसे नहीं पहुंच रहे हैं। गौशाला बनाने की बात भी बातों तक सीमित है।
Q. कमलनाथ सरकार को 121 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, फिर किस बोझ की बात कर रहे हैं ?
A. सरकार का कामकाज देख लीजिए। मध्यप्रदेश में ऐसे हालात कभी नहीं थे। ऐसी तो कांग्रेस की सरकारें भी नहीं थीं। भाजपा की सरकार लाख गुना बेहतर काम कर रही थी। बिजली सरप्लस है पर उपभोक्ताओं को नहीं मिल रही है। कर्ज माफी की घोषणा खुद की पर किसानों के खाते में पैसे नहीं पहुंच रहे हैं। गौशाला बनाने की बात भी बातों तक सीमित है।
Q.कमलनाथ से आपके संबंध तो अच्छे बताए जाते हैं, फिर भी अभी सरकार को आठ महीने ही हुए हैं। कामकाज का आकलन इतनी जल्दी कैसे कर सकते हैं?
A. कमलनाथ के व्यक्तिगत संबंध की बात अलग है। सरकार की बात अलग। कांग्रेस कार्यकर्ता ही सरकार से नाराज हैं, जनता विधायकों से, विधायक मंत्री और मुख्यमंत्री से नाराज हैं। इस आपसी कलह से विश्वास का संकट पैदा होता है। सब एक-दूसरे से त्रस्त हैं।
A. कमलनाथ के व्यक्तिगत संबंध की बात अलग है। सरकार की बात अलग। कांग्रेस कार्यकर्ता ही सरकार से नाराज हैं, जनता विधायकों से, विधायक मंत्री और मुख्यमंत्री से नाराज हैं। इस आपसी कलह से विश्वास का संकट पैदा होता है। सब एक-दूसरे से त्रस्त हैं।
इसे भी पढ़ें- सीएम कमलनाथ ने अचानक बुलाई बैठक, मंत्रियों से कहा- विपक्ष के सामने कमजोर पड़ रहा है सत्ता पक्ष Q.कमलनाथ सरकार का आरोप है कि केन्द्र सरकार भेदभाव कर रही है। उसके हिस्से के 27 सौ करोड़ रुपए की कटौती कर ली गई है।
A. किसी सरकार के साथ भेदभाव या अन्याय का सवाल ही नहीं उठता है। लेकिन केन्द्र सरकार पहले की तरह काम नहीं करती है। अब हर काम का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देना होता है, तभी आगे की राशि जारी होती है। हो सकता है मध्यप्रदेश में भी यही मामला हो हमें पता नहीं है।
A. किसी सरकार के साथ भेदभाव या अन्याय का सवाल ही नहीं उठता है। लेकिन केन्द्र सरकार पहले की तरह काम नहीं करती है। अब हर काम का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देना होता है, तभी आगे की राशि जारी होती है। हो सकता है मध्यप्रदेश में भी यही मामला हो हमें पता नहीं है।
Q. हाल के दिनों में भाजपा नेताओं ने गुंडागर्दी करके पार्टी की किरकिरी की है। आकाश विजयवर्गीय के मामले में तो पीएम ने निंदा की थी पर कार्रवाई नहीं हुई?
A. सार्वजनिक जीवन पर की एक मर्यादा होती है। धैर्य और संयम से हर चीज का निदान होता है। मैं व्यक्तिगत तौर पर ऐसे मामलों को अच्छा नहीं मानता हूं। कार्रवाई के बारे में कुछ कह नहीं कहना, संगठन सभी चीजों को देखता है।
A. सार्वजनिक जीवन पर की एक मर्यादा होती है। धैर्य और संयम से हर चीज का निदान होता है। मैं व्यक्तिगत तौर पर ऐसे मामलों को अच्छा नहीं मानता हूं। कार्रवाई के बारे में कुछ कह नहीं कहना, संगठन सभी चीजों को देखता है।
इसे भी पढ़ें- कर्जमाफी पर भाजपा सांसद और कमलनाथ के मंत्री के बीच नोंक-झोंक, सांसद ने कहा- कर्ज नहीं हुआ माफ Q. कर्जमाफी को आप कैसे देखते हैं। बतौर कृषि मंत्री इसका समर्थन करते हैं या नहीं?
A. कर्जमाफी किसानों ( Debt Waiver ) की माली हालत सुधारने का उपाय नहीं है। हमारी भी जहां सरकारें हैं ऐसे कदम उठाए गए हैं। किसानों को इसका फायदा नहीं पहुंचा। कर्ज लेने का दायरा, उसे जमा कराने को प्रोत्साहित करने का प्रयास होने चाहिए। कर्ज से संकट बढ़ता है, खेती को दूसरे तरीकों से सश्क्त कर सकते हैं। क्रनेद्र इस दिशा में प्रयास कर रही है।
A. कर्जमाफी किसानों ( Debt Waiver ) की माली हालत सुधारने का उपाय नहीं है। हमारी भी जहां सरकारें हैं ऐसे कदम उठाए गए हैं। किसानों को इसका फायदा नहीं पहुंचा। कर्ज लेने का दायरा, उसे जमा कराने को प्रोत्साहित करने का प्रयास होने चाहिए। कर्ज से संकट बढ़ता है, खेती को दूसरे तरीकों से सश्क्त कर सकते हैं। क्रनेद्र इस दिशा में प्रयास कर रही है।
Q.किसानों की आय दोगुनी करने के लिए क्या रोडमैप है? विशेषज्ञ कहते हैं कि जिस तरह की नीतियां हैं उससे मुश्किल है?
A. केन्द्र ने 2022 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है और इस दिशा में काम चल रहा है। किसानों की आय दोगुना करने का अर्थ यह नहीं है कि अनाज के दाम बढ़ा दिए जाएं। इससे तो बाजार प्रभावित होगा। बल्कि खेती की लागत को कम करना है। माना जाता है कि अधिक खाद और पानी से उत्पादकता बढ़ती है यह गलत है। इसे बदलने का प्रयास किया जा रहा है। जैविक खाद, जैविक खेती, विविधीकरण उपकरण ऐसे उपाय हैं जिनसे उत्पादकता भी बढ़ती है और लागत भी घटती है।
A. केन्द्र ने 2022 तक का लक्ष्य निर्धारित किया है और इस दिशा में काम चल रहा है। किसानों की आय दोगुना करने का अर्थ यह नहीं है कि अनाज के दाम बढ़ा दिए जाएं। इससे तो बाजार प्रभावित होगा। बल्कि खेती की लागत को कम करना है। माना जाता है कि अधिक खाद और पानी से उत्पादकता बढ़ती है यह गलत है। इसे बदलने का प्रयास किया जा रहा है। जैविक खाद, जैविक खेती, विविधीकरण उपकरण ऐसे उपाय हैं जिनसे उत्पादकता भी बढ़ती है और लागत भी घटती है।
इसे भी पढ़े- जीत का सबसे बड़ा हथियार है कर्ज माफी का वादा, पार्टियों को सत्ता तो मिली पर नहीं बदली किसानों की हालत Q. कमलनाथ सरकार का आरोप है कि केन्द्र सरका उपज खरीदी का कोटा खरीदकर अड़चन पैदा कर रही है। पेटेंट के बाद बासमती निर्यात से जुड़ी बाधाओं का क्या?
A. जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी ऐसा कभी नहीं हुआ।। कृषि मंत्री और खुद शिवराज सिंह चौहान प्रयास करते थे। राजनीति करने की बजाए प्रदेश सरकार समस्या बताए तो उसका हल निकाला जा सकता है। प्रदेश में बासमती और दूसरे जिंसों का निर्यात हो और किसानों को फायदा मिले। इस दिशा में काम चल रहा है। जल्द ही अच्छी खबर मिलेगी।
A. जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी ऐसा कभी नहीं हुआ।। कृषि मंत्री और खुद शिवराज सिंह चौहान प्रयास करते थे। राजनीति करने की बजाए प्रदेश सरकार समस्या बताए तो उसका हल निकाला जा सकता है। प्रदेश में बासमती और दूसरे जिंसों का निर्यात हो और किसानों को फायदा मिले। इस दिशा में काम चल रहा है। जल्द ही अच्छी खबर मिलेगी।
Q. प्रदेश के कई जिले पिछड़े हुए हैं, नीति आयोग की रैंकिंग भी बहुत नीचे आ रही है।आपका विभाद इसमें मदद क्यों नहीं कर रहा है?
A. पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अकेले सड़कों पर 80,000 रुपए खर्च करने का प्रावधान किया है। सवा लाख किमी सड़कों का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में होगा। पंचायतों को समृद्ध बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश की अधिकतर पंचायतों को डिजिटल भारत से जोड़ा गया है। विभाग निरंतर प्रयासरत है।
A. पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग ने अकेले सड़कों पर 80,000 रुपए खर्च करने का प्रावधान किया है। सवा लाख किमी सड़कों का निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में होगा। पंचायतों को समृद्ध बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश की अधिकतर पंचायतों को डिजिटल भारत से जोड़ा गया है। विभाग निरंतर प्रयासरत है।