ऐसा नहीं है कि, ये फल सिर्फ वहीं मिल सकता है, जहां इसकी पैदावार होती है। इसे आप नज़दीक के मॉल या फ्रूट बाजार से भी खरीद सकते हैं। हालांकि, इस खास फल की पैदावार साल में सिर्फ दो महीने ही होती है। आमतौर पर ये गर्मियों के सीजन में मई और जून के माह में पकता है। इसके बावजूद भी ये बाज़ार में मिल ही जाता है। इसका मीठा और रसीला स्वाद भी खाने में लाजवाब होता है। काफल देखने के समान दिखाई पड़ा है। इसके बाहर एक रसीली होती है जबकि अंदर एक छोटी सी सख्त गुठली भी होती है। हालांकि, इसके सेहत संबंधी जानकार इसे गुठली के साथ खाना ज्यादा लाभकारी मानते हैं। तो चलिये हम भी जानते हैं इस पहाड़ी रसीले फल के खास फायदों के बारे में…।
इन गुणों से भरपूर होता है काफल
काफल में कई तरह के प्राकृतिक तत्व पाए जाते हैं। जैसे माइरिकेटिन, मैरिकिट्रिन और ग्लाइकोसाइड्स। इसके अलावा, इसकी पत्तियों में फ्लावे -4′ और हाइड्रोक्सी-3 पाया जाता है।
लू का इलाज है काफल
आयुर्वेद चिकित्सकों का मानना है कि, काफल फल औषधि की तरह काम करता है। कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों की रोकथाम के अलावा काफल गर्मी में लगने वाली लू के लिए भी काफी फायदेमंद है।
काफल की छाल भी कारगर
काफल के पेड़ की छाल से निकलने वाले सार को दालचीनी और अदरक के साथ मिलाकर इसका सेवन करते हो तो आप पेचिश, बुखार, फेफड़ों की बीमारियां, अस्थमा और डायरिया आदि रोगों से आसानी से बच सकते हो। यही नहीं इसकी छाल को सूंघने से आंखों के रोग व सिर का दर्द आदि रोग ठीक हो सकते हैं।
एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर
इस प्राकृतिक फल में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट तत्व पेट से संबंधित रोगों को खत्म करते हैं। इसके फल से निकलने वाला रस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।