मम्स वायरस हवा में थुक के कण य़ा छींक नाक और गले से संक्रामक एयरड्रोपलेट्स की वजह से एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। छींकने या करीबी बातचीत से हवा में मौजूद संक्रमित बूंदें सांस के जरिए अंदर जा सकती हैं और संक्रमण का कारण बन सकती हैं।
गलसुआ रोग में पैरोटिड ग्रंथियां (parotid glands) में सूजन होने के कारण हो जाती है और फिर ये तकलीफदायक हो जाता है। इस दौरान गाल में सबसे ज्यादा सूजन होती है। जिसे पैरोटाइटिस के नाम से जाना जाता है। ये चेहरे के एक या दोनों तरफ हो सकती है। मम्स के लक्षण दो से तीन सप्ताह में दिखाई देते हैं। इनमें सिरदर्द, थकान, भूख में कमी, तेज बुखार, लार ग्रंथियों में सूजन के कारण गालों या जबड़े का बढ़ना चबाने या निगलने में परेशानी होना भी प्रमुख है।
खट्टा या अम्लीय भोजन या तरल पदार्थ खाने से दर्द बढ़ सकता है। सूजन धीरे-धीरे 7 दिनों में कम हो जाती है और अन्य लक्षण 3-5 दिनों में ठीक हो जाते हैं। जैसे ही आपको सूजन दिखे, तो अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
मध्यप्रदेश के डॉक्टरों का कहना है कि मम्स वायरस के मरीज को किसी भी भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए और आराम करना चाहिए ताकि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण न फैले। मास्क लगाएं, साफ-सफाई का ध्यान रखें और हाथों को साबुन से धोते रहें।