फटाफट क्रिकेट के इतिहास में पहली बार विंध्य के दो तेज गेंदबाज कुलदीप सेन और माधव तिवारी दिखेंगे। 40 साल पहले उनके दादा स्वर्गीय यज्ञनाराण तिवारी मऊगंज के बहियारी से इंदौर के झलारिया बायपास से सटे काउंटीबाग में गए थे। माधव के पिता अवधेश तिवारी बड़े ट्रांसपोर्ट कारोबारी हैं।
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अवधेश तिवारी ने बताया, वह 8 साल से क्रिकेट खेल रहा है। 12 साल की उम्र में लगन देखकर एकेसीए क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन करा दी। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और वर्तमान में केरल क्रिकेट टीम के कोच अभय खुरासिया ने माधव को क्रिकेट की बारीकियां सिखाईं। वह दिल्ली पब्लिक स्कूल इंदौर के छात्र हैं। स्पोर्ट्स मैनेजर सुमित रिचारिया और स्कूल कोच कपिल सेडगे ने उन्हें आगे बढ़ाया है।
अवधेश तिवारी ने बताया, वह 8 साल से क्रिकेट खेल रहा है। 12 साल की उम्र में लगन देखकर एकेसीए क्रिकेट एकेडमी ज्वाइन करा दी। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी और वर्तमान में केरल क्रिकेट टीम के कोच अभय खुरासिया ने माधव को क्रिकेट की बारीकियां सिखाईं। वह दिल्ली पब्लिक स्कूल इंदौर के छात्र हैं। स्पोर्ट्स मैनेजर सुमित रिचारिया और स्कूल कोच कपिल सेडगे ने उन्हें आगे बढ़ाया है।
माधव तिवारी इंदौर डिवीजन अंतर्गत अंडर 15, अंडर 18, अंडर 23 में चयनित हो चुके हैं। वह तेज गेंदबाजी के साथ बल्लेबाजी में भी माहिर हैं। अंडर-18 में इंदौर डिवीजन की कप्तानी कर वनडे में दोहरा शतक लगा चुके हैं। वर्तमान में नागपुर में हैं।
25 नवंबर को ऑक्शन के समय मां कोमल तिवारी की टीवी पर नजर लगी थी। उनको पूरा भरोसा था पर पिता अवधेश तिवारी अपने बेटे के चुने जाने से अनजान थे। ऑक्शन में नाम आने के बाद पत्नी ने फोन किया तब भागकर घर आए। बेटे माधव के चयन पर जब मोहल्ले के लोगों ने मिठाइयां खिलाईं, तब खुशी और बढ़ गई।