मौसम विभाग भोपाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक वेद प्रकाश बताते हैं कि मानसून ट्रफ प्रदेश के बिल्कुल ऊपर है। पूर्व-पश्चिमी ट्रफ भी एमपी से गुजर रही है। ऐसे में तेज बारिश होने की संभावना नहीं है। अगले सात दिनोें तक मौसम कुछ ऐसा ही बना रहेगा।
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मंगलवार को मौसम विभाग ने राजधानी भोपाल और उपनगर बैरागढ़ में मध्यरात्रि में पानी गिरने का अनुमान जताया है। भोपाल के आसपास के जिलों जैसे विदिशा, रायसेन में भी हल्की बारिश होने की संभावना है। इनके अलावा बुरहानपुर, खंडवा के ओंकारेश्वर, जबलपुर, दमोह, नरसिंहपुर, कटनी, पन्ना, सतना, मऊगंज, मैहर, सीधी, सिंगरौली में भी रात में बादल बरस सकते हैं।
मंगलवार को मौसम विभाग ने राजधानी भोपाल और उपनगर बैरागढ़ में मध्यरात्रि में पानी गिरने का अनुमान जताया है। भोपाल के आसपास के जिलों जैसे विदिशा, रायसेन में भी हल्की बारिश होने की संभावना है। इनके अलावा बुरहानपुर, खंडवा के ओंकारेश्वर, जबलपुर, दमोह, नरसिंहपुर, कटनी, पन्ना, सतना, मऊगंज, मैहर, सीधी, सिंगरौली में भी रात में बादल बरस सकते हैं।
खास बात यह है कि बरसात से ज्यादा अब आकाशीय बिजली से आफत आने की आशंका है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अब मध्यप्रदेश में बादल बरसेंगे कम, उनकी गरज—चमक ज्यादा होगी। इससे आकाशीय बिजली गिरने के केस बढ़ेंगे। यही कारण है कि मौसम विभाग ने प्रदेश के 15 जिलों में आकाशीय बिजली का अलर्ट जारी किया है।
यह भी पढ़ें : MP Rain – एमपी में स्कूलों की दो दिन की छुट्टी, जारी किया आदेश, पहली से बारहवीं तक की पढ़ाई बंद मौसम विभाग के अनुसार मैहर, सीधी, मऊगंज, सिंगरौली, सतना, रीवा, पन्ना, शहडोल, छतरपुर, दमोह, जबलपुर, टीकमगढ, निवाडी, कटनी और उमरिया में बिजली गिरने की आशंका है।
मध्यप्रदेश के मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 1 जून से 05 अगस्त तक औसत से करीब 22 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। प्रदेश के पूर्वी हिस्से में 19 प्रतिशत ज्यादा जबकि पश्चिमी हिस्से में औसत से 26 प्रतिशत ज्यादा बरसात हुई है।
प्रदेश में 21 जून को मानसून के प्रवेश के साथ ही लगातार पानी गिर रहा है। एमपी में मानसून के 45 दिनों में औसत 24.4 इंच बरसात दर्ज की गई जोकि सीजन की करीब 65 प्रतिशत है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार एमपी के भोपाल, मंडला, सिवनी, नर्मदापुरम सहित 7 जिलों में औसत 30 इंच से ज्यादा बरसात हो चुकी है। इनमें मंडला में सबसे अधिक 36.67 इंच बारिश दर्ज की गई।