मौसम विशेषज्ञ एसके नायक के अनुसार सितम्बर के पहले सप्ताह में अमूमन राजस्थान से मानसून की वापसी होती है, लेकिन इस वर्ष वहां भी अभी तक मानसून सक्रिय है। हालांकि राजस्थान में प्रतिचक्रवात दिखने लगे हैं। यह चक्रवात की उल्टी अवस्था होती है, जिसमें हवा अंदर से बाहर को ओर जाती है। इससे मौसम खुलता है और यह मानसून की वापसी के संकेत होते हैं। प्रतिचक्रवात दिखने के बाद राजस्थान में मानसून की वापसी जल्द हो सकती है।
मध्यप्रदेश की बात करें तो यहां से मानसून की विदाई अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में होती है। इस वर्ष की परिस्थितियों को देखते हुए मानसून के 14 अक्टूबर तक विदा होने के संकेत दिख रहे हैं। दूसरी ओर फिलहाल जारी मानसून की गतिविधियां अगले सप्ताह तक चलती रहेंगी।
14 जिलों में रेड तो 19 में ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने प्रदेश के 14 जिलों में रेड अलर्ट जारी करते हुए कुछ हिस्सों में भारी से अति भारी बरसात का अनुमान व्यक्त किया है। 19 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। गुरुवार को सबसे अधिक बारिश होशंगाबाद में 161 मिमी दर्ज की गई। नरसिंहपुर में 79 तो मंडला में 46 मिमी बारिश हुई। प्रदेश के दो दर्जन से अधिक जिलों में 10 से 40 मिमी के बीच बरसात दर्ज हुई। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि कम दबाव का क्षेत्र उत्तरी मध्यप्रदेश में और उत्तरप्रदेश की सीमा पर स्थित है वहीं मानसून द्रोणिका भी इसी क्षेत्र से होकर गुजर रही है, जिसके चलते मानसून सक्रिय है।
रेड अलर्ट वाले जिले- इंदौर, धार, झाबुआ, खंडवा, खरगोन, अलीराजपुर, बैतूल, होशंगाबाद, हरदा, देवास, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, सागर।
ऑरेंज अलर्ट वाले जिले- भोपाल, रायसेन, आगर, अनूपपुर, डिंडोरी, अशोकनगर, शिवपुरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, मंडला, बालाघाट, सिवनी, छतरपुर, पन्ना, दमोह, गुना, रतलाम, शाजापुर, रीवा।