ये भी पढें – बिजलीकर्मियों को मिलेंगी 22 छुट्टियां, 3 ऐच्छिक अवकाश, देखें लिस्ट भोपाल का मौसम
राजधानी में गुरुवार को अधिकतम तापमान(MP Weather Alert) 25.4 डिग्री दर्ज किया गया, तापमान में 7 डिग्री का उछाल आया है। पहले दिन पहले यह 18.3 डिग्री दर्ज किया गया, वहीं न्यूनतम तापमान गिरकर 6.8 डिग्री पर रहा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अभी तापमान में गिरावट का दौर जारी रहेगा।
पश्चिमी विक्षोभ से प्रभावित रहेगा मौसम
मौसम विभाग ने जनवरी के मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है। जनवरी का महीना पश्चिमी विक्षोभ से प्रभावित रहेगा। पूरे महीने में 6 पश्चिमी विक्षोभ आ सकते हैं। इसके गुजर जाने के बाद बर्फीली हवा चलेगी, जिससे ग्वालियर सहित अंचल शीतलहर की चपेट में रहेगा। शीतलहर के 10 दिन दर्ज हो सकते हैं। पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बादल भी छाएंगे। नमी आने से कोहरा भी छाएगा, लेकिन कोल्ड डे व सीवियर कोल्ड डे का सामना कम करना पड़ेगा। ये भी पढें – बड़ी खबर : ये मनमानी नहीं कर सकेंगे प्राइवेट स्कूल, कलेक्टर ने जारी किया आदेश, अभिभावकों को राहत वैसे जनवरी कड़ाके की सर्दी(MP Weather Alert) के लिए जाना जाता है। 1 जनवरी से 15 जनवरी के बीच शहर सहित अंचल शीतलहर व कोहरे की चपेट में रहता है। जनवरी के पहले दिन से ही कोहरा छाना शुरू हो गया है। 6 जनवरी तक मध्यम से घना कोहरा छाने के आसार हैं। इससे सुबह 9 बजे के बाद ही धूप निकलेगी।
उत्तरी हवा से 6 जनवरी के बाद और बढ़ेगी सर्दी
उत्तर से आने वाली सर्द हवा(MP Weather Alert) से रात के तापमान में 3 डिग्री की कमी आई है। मौसम विभाग के अनुसार, 6 जनवरी को एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। इसके पहले आसमान साफ रहने से तापमान में कमी दर्ज होगी। ये भी पढें – सीएम का आश्वासन, जनता की शंका दूर करने के बाद ही नष्ट होगा पीथमपुर पहुंचा ‘जहरीला कचरा’ गुरुवार को इंदौर में दिन का तापमान 24.4 डिग्री व रात का तापमान 9.4 डिग्री रहा। एक दिन पहले तापमान 24.4 डिग्री व 12.5 डिग्री दर्ज किया गया था। 24 घंटे में रात के तापमान में 3.1 डिग्री की कमी दर्ज की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग भोपाल के वैज्ञानिक डॉ. अरुण शर्मा ने बताया, जनवरी के पहले सप्ताह में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय रहेगा। कोहरे की स्थिति इंदौर सहित अन्य जिलों में रहेगी। फिलहाल कोल्ड डे की संभावना नहीं है। इस वर्ष जनवरी में तापमान के 5 से 7 डिग्री तक पहुंचने की संभावना रहेगी। हिमालय क्षेत्र में अधिक बर्फबारी के बाद यह स्थिति बन सकती है।