16वीं शताब्दी में बेतवा नदी के किनारे बसाया एक छोटा सा कस्बा, जो आज भी बुंदेला महाराजा रूद्र प्रताप सिंह के शासन काल की गौरव गाथा कहता नजर आता है। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रंगों के बीच यहां के प्राकृतिक नजारे टूरिस्ट का दिल जीत लेते हैं। अगर आप भी इस मानसून सीजन में ओरछा जाने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो mp patrika.com पर हम आपको बता रहे हैं एमपी के मिनी आइलैंड ओरछा (Orchha) के ऐसे बेस्ट टूरिस्ट साइट्स (Best Tourist Sites ) के बारे में जहां आपको एक बार जरूर जाना चाहिए…
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जानें क्यो घूमें ओरछा
मानसून सीजन आते ही प्राचीन और ऐतिहासिक नगरी ओरछा कि सुंदरता देखते बनती है। एक छोटे से टापू पर बसे महल और किले इन दिनों में इसकी खूबसूरती दोगुना कर देते हैं। गौरवशाली इतिहास से संपन्न ओरछा के प्राकृतिक नजारे देखने टूरिस्ट यहां दूर-दूर से आते हैं।ओरछा का किला (Orchha Fort)
यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शुमार है ओरछा का किला। मानसून में इसकी लोकेशन बेहद खूबसूरत हो जाती है। जहां नजर घुमाओं वहां दूर-दूर तक पानी और हरियाली के नजारे दिल जीत लेते हैं। दरअसल ओरछा का किला बेतवा नदी के आइलैंड पर स्थित है। यहां किले के साथ ही आपको मंदिर और की हिस्टॉरिकल प्लेस देखने को मिल जाएंगे। किले में दीवारों और छतों पर बनाए गई कलाकृतियां बेहद अट्रैक्ट करती हैं। यहां स्थित जहाँगीर महल, राय प्रवीण महल और राज महल की वास्तुकला ऐसी की एक बार नजर पड़े तो देर तक टिकी रह जाती है।
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राजा महल (Raja Mahal)
ओरछा का राजा महल कलात्मक वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण है। यहां दीवारों और छतों पर बने भित्ती चित्रों में भगवान विष्णु का दशावतार रूप, कृष्ण का एक उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाने का दृश्य, राम दरबार में हनुमान, समुद्र मंथन, महाभारत के कई दृश्य टूरिस्ट के आकर्षण का केंद्र होते हैं। एक और आकर्षक चित्र चुंगुल का है, जो हाथी के सिर और शेर के शरीर वाला एक पौराणिक प्राणी है। दृश्य में आमतौर पर एक मोर प्राणी के सिर पर वार करता हुआ दिखाई देता है। च्ये महल भी मानसून में टूरिस्ट को अट्रैक्ट करता है। इस महल में स्थित कुएं और बावड़ियां बारिश मेंपानी से लबालब हो जाती हैं। जो बताता है कि प्राचीन काल से ही हमारे देश में जल संरक्षण के तरीके अपनाए जाते थे।
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चतुर्भुज और राजा राम मंदिर (Chaturbhuj and Raja Ram Temple)
ओरछा के इस प्राचीन मंदिर की अपनी एक रोचक कहानी है। एक किंददंती के मुताबिक चतुर्भुज मंदिर का निर्माण मधुकर शाह ने अपनी रानी गणेश कुंवरी के लिए तब करवाया था जब रानी के सपनों में भगवान राम ने उन्हें मंदिर बनाने का निर्देश दिया था। रानी अयोध्या से भगवान राम की मूर्ति ले आईं और महल में रख दी। लेकिन मंदिर में स्थापना के दिन मूर्ति उठाने की कोशिश नाकाम रही और मंदिर का गर्भगृह खाली रह गया। आज महल में स्थित भगवान राम का ये मंदिर राम राजा के नाम से मशहूर है। पूरे देश में ये एक अकेला ऐसा मंदिर है, जहां राम को राजा के रूप में पूजा जाता है। वहीं चतुर्भुज मंदिर कहानी और किंवदंती का हिस्सा बनकर रह गया।
बेतवा नदी का किनारा (Bank of Betwa River)
मानसून सीजन में बेतवा नदी के किनारे पर घूमना आपको रीफ्रैश फील कराएगा। आसपास पसरी हरियाली और यहां के महल, किले आपकी इस सैर को खूबसूरत बना देते हैं।ओरछा का फूल बाग (Phool Bagh Orchha)
ओरछा का फूल बाग देखने में तो आकर्षक है ही, इसकी स्ट्रक्चरिंग भी टूरिस्ट को हैरान कर देती है। कतारबद्ध फव्वारे और इसमें पानी के प्रवाह की एक सरल तकनीक का इस्तेमाल किया गया। जो इसे महल के चंदन कटोरा से जोड़ती है। ये एक कटोरे जैसी संरचना है जिसके फव्वारों से पानी की बूंदें बारिश की तरह नीचे गिरती हैं और पूरे भवन को ठंडा रखती हैं। यहां स्थित बदगीर सावन भादो मीनार से छन कर आने वाली हवा जगह को ठंडा बनाए रखती थी। इसकी वास्तुकला और नेचुरल खूबसूरती देखकर आप भी हैरान हो सकते हैं। ये भी पढ़ें: MP Tourism: मानसून में स्वर्ग बन जाती हैं MP की ये 5 जगह, शिमला, मनाली, गोवा, लोनावला भी हैं फेल