तो आपको बता दें कि ये महल मध्य प्रदेश के ओरछा का है। इस महल ने इस फिल्म को खास बना दिया है। इस फिल्म में भले ही यहां भूतिहा कमरा है और उसके इर्द-गिर्द बुनी गई भूतिहा कहानी भी। लेकिन हकीकत में टूरिस्ट इस महल और ओरछा की खूबसूरती देखने दुनिया भर से आते हैं। यहां पत्रिका.कॉम आपको बता रहा है ओरछा के इस महल और अन्य टूरिस्ट प्लेसेज के बारे में, इसे पढ़कर विंटर वेकेशन में यहां खिंचे चले आएंगे आप…
ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी ओरछा
मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक और धार्मिक शहरों में शुमार ओरछा एक ऐसा टूरिस्ट प्लेस है, जहां देश और दुनिया से लोग घूमने आते हैं। 16वीं-17वीं शताब्दी में स्थापित इस शहर को राजा राम नगरी के नाम से जाना जाता है। लोग यहां अपने दोस्तों और परिवार के साथ घूमने आते हैं। मानसून सीजन के बाद यहां घूमने का सबसे बेस्ट टाइम है विंटर सीजन। विंटर वेकेशन में यहां घूमने की प्लानिंग आप भी कर सकते हैं।जहांगीर महल
ओरछा का जहांगीर महल 17वीं सदी का महल है। इसका निर्माण बुंदेला शासक वीर सिंह ने करवाया था। इसकी खूबसूरती देखते बनती है।राजा महल
ओरछा का राजा महल 16वीं शताब्दी में बनाया गया था। अपनी भव्यता से टूरिस्ट को आकर्षित करने वाले राजा महल अद्भुत वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
खूबसूरत छतरियां
बेतवा नदी के किनारे पर बुंदेला राजाओं और उनके परिवार के सम्मान में समाधियां स्थापित हैं। छतरीनुमा ये समाधियां टूरिस्ट को अट्रेक्ट करती हैं।
ओरछा का किला (Orchha Fort)
यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शुमार है ओरछा का किला। यहां किले के साथ ही आपको मंदिर और कई हिस्टॉरिकल प्लेस देखने को मिल जाएंगे। किले में दीवारों और छतों पर बनाए गई कलाकृतियां बेहद अट्रैक्ट करती हैं। यहां स्थित जहाँगीर महल, राय प्रवीण महल और राज महल की वास्तुकला ऐसी की एक बार नजर पड़े तो देर तक टिकी रह जाती है।राजा राम मंदिर (Raja Ram Temple Orchcha)
ओरछा को राजा राम नगरी के नाम से भी जाना जाता है। दुनिया भर में यही एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां श्रीराम को भगवान नहीं बल्कि राजा के रूप में पूजा जाता है। अगर आप भी ओरछा आएं तो राजा राम के दर्शन जरूर करें।
चतुर्भुज मंदिर (Chaturbhu Temple Orchha)
ओरछा में भगवान विष्णु को समर्पित चुतुर्भुज मंदिर भी है। ये देश के सबसे ऊंचे और सबसे विशाल मंदिरों में शामिल है। इस मंदिर के बनने की कथा प्रभु राम के ओरछा आगमन से शुरू होती है। इस मंदिर के अस्तित्व की कहानी बड़ी रोचक है।
ओरछा वन्यजीव अभयारण्य (Orchha Wildlife Sanctuary)
वाइल्ड लाइफ के शौकीन हैं, तो आपको यहां घूमने में जरूर मजा आएगा। दरअसल ओरछा वन्यजीव अभयारण्य बेतवा नदी और जामनी नदी के बीच एक टापू पर बसा हुआ है। जो करीब 46 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यहां लंगूर, भालू, सियार, नीला बैल, बंदर, हंस, जंगली झाड़ीदार बटेर, कलहंस, तेंदुआ और बाघ जैसी कुछ प्रजातियां देखने को मिल सकती हैं। इसके अलावा यहां आपको रिवर राफ्टिंग, फिशिंग, बोटिंग, कैंपिंग, ट्रैकिंग और हाइकिंग करने का मौका भी मिलता है।बेस्ट टाइम टू विजिट (Best time To Explore Orchha)
ओरछा घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो बता दें कि नवंबर से जून तक का टाइम यहां घूमने के लिए सबसे बेस्ट टाइम है।
कैसे पहुंचें ओरछा? (How to reach orchha)
सर्दियों में मध्य प्रदेश के ओरछा में घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपको बता दें कि ग्वालियर ओरछा का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट है, आप यहां आकर लोकल टैक्सी की मदद से ओरछा पहुंच सकते हैं। इसके अलावा रेल और सड़क मार्ग से भी ओरछआ पहुंचना आसान है। ट्रेन से झांसी ओरछा के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। यहां से ओरछा केवल 18 किलोमीटर की दूरी पर रह जाता है। आप टैक्सी या कैब से इस दूरी को पूरी करते हुए ओरछा पहुंच सकते हैं।