केंद्र के फैसले ने राज्य कर्मचारियों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं, कर्मचारी चाहते हैं कि उन्हें केंद्रीय कर्मियों के समान डीए मिले। इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार पर दबाव बनाया है। अपने-अपने स्तर पर सरकार तक संदेश पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। असल में केंद्र ने हाल ही में अपने कर्मचारियों को चार फीसदी अतिरिक्त डीए देने का निर्णय लिया है। इससे राज्य के कर्मचारी डीए के मामले में पिछड़ गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक सरकार भी केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता देना चाहती है, इसलिए सरकार स्तर पर अतिरिक्त बोझ का आंकलन किया जा रहा है। जल्द ही मध्यप्रदेश में भी 4 फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी हो सकता है।
राज्य कर्मचारियों को 34 फीसदी डीए मिल रहा है। केंद्रीय कर्मचारी भी अभी इतना ही डीए पा रहे हैं, लेकिन केंद्रीय कर्मचारियों का चार फीसदी अतिरिक्त डीए बढ़ने से 38 फीसदी डीए मिलेगा। राज्य के कर्मचारियों को 34 फीसदी पर ही संतोष करना पड़ेगा। वे भी चाहते हैं कि उन्हें केंद्र के के समान डीए मिले। अभी तक राज्य कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के समान ही डीएमिलता रहा है।
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खजाने की चिंता कर्मचारियों सहित अन्य वर्गों की मांगें बढ़ने से सरकार को खजाने की भी चिंता है। सरकार नए खर्च बढ़ाने के मूड में नहीं है, लेकिन कर्मचारियों की नाराजगी भी नहीं देख सकती। उधर, कर्मचारियों को पिछले कई माह का एरियर भी नहीं मिला है। इसको लेकर वे लगातार दबाव बना रहे हैं।