फील्ड में भी काबिलियत की साबित
देशी नस्ल के श्वानों ने फील्ड पर उतरते ही अपनी काबिलियत दिखाना शुरू की है। नशा मुक्ति अभियान ड्यूटी में तैनात स्निफर डॉग रूबी ने हरदा जिले के ग्राम कुमरूम से 100 मीटर दूर मक्का के खेत में बीच में लगे गांजे के पौधों को खोजा था। यहां से पुलिस ने चार लाख रुपए से अधिक कीमत के 217 पौधे जब्त किए थे। इसके लिए रूबी को पुरस्कार देने की भी अनुशंसा की गई है। इसी तरह पन्ना में भी देशी नस्ल के श्वान ने लूट के आरोपी को सफलतापूर्वक ट्रैक किया।
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ट्रेनिंग में रही सीसीटीवी कैमरों की नजर
तमिलनाडू के अलावा कर्नाटक से सटे क्षेत्रों के देशी नस्ल के श्वानों की ट्रेनिंग 6 सितंबर 2021 को शुरू हुई थी। जब इन श्वानों को यहां लाया गया था, तब उनकी उम्र दो से पांच महीने की थी। ट्रेनिंग से पहले इन सभी को राजधानी के वातावरण और मौसम के अनुकूल किया गया था। इसकी वजह पूर्व में तमिलनाडू से लाए गए श्वानों की वायरस की वजह से हुई मौत थी। बहरहाल, नौ महीने के बाद यानी 5 जून 2022 को 20 देशी श्वानों की ट्रेनिंग पूरी हुई और इन्हें जिलों में तैनाती के लिए भेजा गया। श्वानों के व्यवहार को जानने के लिए इनके पिंजरों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया गया था, वहीं कोरोना वायरस से बचाव के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे।
खतरा भांपने और सूंघने की क्षमता बेहतर
देसी नस्ल के श्वान खतरे को बखूबी भांपने और आवंछित मादक और विस्फोटकों को सूंघने में सक्षम हैं। इसके अलावा अपराधियों की गंध से उन्हें ढूंढने में भी ये विदेशी नस्ल के श्वानों से बेहतर हैं। इनकी कद-काठी भी विदेशियों से मजबूत है। राज्य श्वान पुलिस प्रशिक्षण शाला में देशी नस्ल के श्वानों के पहले बैच में 11 मादा तो 9 नर श्वानों को ट्रेंड किया गया। इनमें से 13 को स्निफर्स तो सात को ट्रेकर ट्रेड में ट्रेंड किया गया। एक श्वान को चिकित्सीय कारणों की वजह से जिले में पोस्टिंग नहीं मिली है। डॉग स्क्वॉड में औसतन दस साल की ड्यूटी पीरियड दस वर्ष का है, इसके बाद मेडिकल में फिट होने के बाद सेवा अवधि को दो से तीन साल तक बढ़ाया जाता है।
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इन देसी नस्ल के श्वान हुए स्क्वॉड में शामिल
मप्र पुलिस के डॉग स्क्वॉड में मुधोल हाउण्ड नस्ल के छह, रामपुर हाउण्ड और राजा पलायम के चार-चार, चिप्पा पराई, कन्नी और कोम्बाई नस्ल के दो-दो डॉग्स को शामिल किया गया है। इन डॉग्स के लिए हैंडलर्स को भी विशेष ट्रेनिंग दी गई है। खास बात है कि श्वान प्रशिक्षण शाला का ये 19वां बैच था। अभी तक 425 से अधिक श्वानों को ट्रेंड किया गया है। यहां ट्रेनिंग के साथ ही रिफ्रेशर कोर्स भी चलाए जाते हैं। वर्तमान में प्रदेश के अलग-अलग जिलों के अलावा वीआइपी ड्यूटी, बॉम्ब रिफ्यूजल डिस्पोजल स्क्वॉड, सीएम सुरक्षा, राजभवन और जीआरपी में 158 श्वान तैनाती हैं।
इन जिलों में भेजे गए देशी नस्ल के श्वान
स्निफर ट्रेड में नारको और एक्सप्लोसिव श्रेणी में ट्रेंड 13 देशी श्वान 13 जिलों में तैनात किए गए हैं। धार, हरदा, नर्मदापुरम, ग्वालियर, रायसेन, शहडोल, रतलाम, भोपाल, अनूपपुर, टीकमगढ़, नरसिंहपुर, शाजापुर और निवाड़ी में एक-एक स्निफर डॉग की तैनाती है। बुरहानपुर, आगर, पन्ना, निवाड़ी और अनूपपुर में एक-एक ट्रेकर डॉग भेजा गया है।