पीएचक्यू ने पत्र लिखकर दिए आदेश
कैशलेस एमपी पुलिस (Cashless MP Police) को लेकर पीएचक्यू (PHQ) ने सभी पुलिस अधीक्षक और सेनानियों को पत्र लिखकर आदेश जारी कर दिए हैं। पीएचक्यू के निर्देश के बाद सभी भुगतान ऑनलाइन मोड पर ही किए जा सकेंगे। पीएचक्यू ने अपने आदेश में कहा गया है कि सभी स्थानों पर भुगतान सिर्फ ऑनलाइन मोड पर ही कराए जाएं। क्यों की जा रही कैशलेस व्यवस्था
मध्य प्रदेश पुलिस प्रदेश के लगभग सभी बड़े शहरों में पुलिस इकाईयों के पेट्रोल पंप संचालित करती है। इन पेट्रोल पंप पर पिछले समय में वित्तीय गड़बड़ी सामने आई हैं। नकद भुगतान की वजह से पेट्रोल की बिक्री और आय में बड़े अंतर का खुलासा होने के बाद पुलिस विभाग ने अब ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की जा रही है।
बता दें कि सातवीं वाहिनी के विशेष शस्त्र बल के सैनानी हितेश चौधरी ने इसकी शुरुआत प्रयोग के तौर पर सबसे पहले भोपाल के पेट्रोल पंप से की थी। इसके बाद अब प्रदेश के सभी पेट्रोल पंप पर ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था शुरू की जा रही है। 15 नवंबर से कैशलेस की ये व्यवस्था लागू कर दी जाएगी।
शुरुआत में आई परेशानी तो ऑफलाइन पेमेंट का भी रहेगा ऑप्शन
कैशलेस होने जा रही एमपी पुलिस की इस व्यवस्था के तहत पुलिस पेट्रोल पंप, एलपीजी सेंटर और सुपर बाजार सहित अन्य स्थानों पर डिजिटल भुगतान के लिए क्यूआर कोड, यूपीआईए पीओएस मशीन आदि की व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए गए हैं। 15 नवंबर से इसे सामान्य बिक्री डिजिटल तरीके से किया जाएगा।
31 दिसंबर तक नकद भुगतान करने वालों का रखा जाएगा रिकॉर्ड
शुरुआत में इस व्यवस्था में परेशानी आने पर ऑफलाइन का ऑपशन भी दिया जाएगा। लेकिन 1 जनवरी से कैश का लेन-देन पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। नकद बिक्री होने की स्थिति में 31 दिसंबर तक नकद बिक्री में ग्राहक का नाम, मोबाइल नंबर के साथ रसीद नंबर भी लिखना होगा ताकि पूरा रिकॉर्ड संधारित किया जा सके।
यहां भी बंद होगा कैश पेमेंट
पुलिस कल्याण के पेट्रोल पंप के अलावा पुलिस गैस रिफिलिंग केन्द्र, एलपीजी गैस में नकद लेन-देन बंद किया जाएगा। इसके अलावा पुलिस परिसरों में साफ-सफाई की व्यवस्था का भी भुगतान ऑनलाइन ही किया जाएगा। साथ ही पुलिस और उन तमाम गतिविधियों में भी ऑनलाइन भुगतान होगा, जिसमें सालाना टर्नओवर 6 लाख से ज्यादा है। बता दें कि मध्यप्रदेश पुलिस पूरी तरह से कैशलेस होती जा रही है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा की जाने वाली चालानी कार्रवाई पहले ही ऑनलाइन की जा चुकी है। चालान के लिए पुलिस कर्मचारियों को डिजिटल भुगतान के लिए मशीनें दी गई हैं। इनसे लंबे समय से डिजिटली जुर्माना वसूला जा रहा है