सतना में हुआ शस्त्र घोटाला और बड़ा हो गया है। मामले में एसटीएफ की जांच में पता चला है कि 12 बोर के 40 लाइसेंस दूसरे राज्यों के लोगों को दिए गए थे। नियमानुसार 12 बोर का लाइसेंस कलेक्टर केवल एमपी के निवासियों को ही दे सकते थे लेकिन यूपी, गुजरात और महाराष्ट्र के निवासियों को भी ये जारी कर दिए गए।
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एसटीएफ द्वारा दर्ज 112 प्रकरणों की जांच में यह तथ्य सामने आया। 12 बोर का लाइसेंस देने वालों को कारतूस देने में भी गड़बड़ी हुई। इसी के साथ तत्कालीन एडीएम सहित प्रदेश के कई अधिकारी व कर्मचारी भी जांच के दायरे में आ गए हैं। इन्हें आरोपी भी बनाया जा सकता है। शक के घेरे में आए दो कर्मचारियों और एक अधिकारी की मौत हो चुकी है।
एसटीएफ द्वारा दर्ज 112 प्रकरणों की जांच में यह तथ्य सामने आया। 12 बोर का लाइसेंस देने वालों को कारतूस देने में भी गड़बड़ी हुई। इसी के साथ तत्कालीन एडीएम सहित प्रदेश के कई अधिकारी व कर्मचारी भी जांच के दायरे में आ गए हैं। इन्हें आरोपी भी बनाया जा सकता है। शक के घेरे में आए दो कर्मचारियों और एक अधिकारी की मौत हो चुकी है।
एसटीएफ अधिकारियों के अनुसार 112 में से 28 प्रकरणों को कोर्ट ने खारिज कर दिया था। 35 प्रकरणों में कोर्ट में चालान पेश किया जा चुका है जबकि शेष केस की जांच चल रही है। एडीजी एसटीएफ पंकज श्रीवास्तव के अनुसार अभी जांच जारी है। कुछ अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी संदेह के घेरे में हैं।