जादूगर मैडम लीना !
नर्सिंग कॉलेज घोटाला भले ही अब सुर्खियों में आया है लेकिन आपको बता दें कि पत्रिका ने करीब दो साल पहले ही इसकी परतें खोलने शुरू कर दी थीं। 22 अगस्त 2022 को पत्रिका की पड़ताल में एक ऐसी मैडम के नाम का खुलासा हुआ था जो किसी जादूगर से कम नहीं थी। इस मैडम का नाम लीना था, लीना की लीलाएं ऐसी थीं जिन्हें जानकर हर कोई हैरान था। दरअसल मैडम नीना प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे नर्सिंग कॉलेजों में प्राचार्य से लेकर प्रोफेसर के तौर पर पदस्थ बताई गई थी। तब लीना का नाम प्रदेश के 12 कॉलेजों में फोटो और रजिस्ट्रेशन बदलकर फैकल्टी के रूप में दर्ज मिला था। उस समय पत्रिका को एक कॉलेज संचालक ने बताया था कि लीना उत्तरप्रदेश की रहने वाली हैं और प्रदेश भर में फैले नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े के गिरोह में शामिल हैं।
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इन कॉलेजों में पदस्थ थी लीना
- एनआरएस इंस्टीटयूट छतरपुर- रजिस्ट्रेशन नंबर 4300
- पं रामगोपाल तिवारी कॉलेज, अनूपपुर- रजिस्ट्रेशन 4324
- साक्षी कॉलेज छिंदवाड़ा- एमजी 16102407
- स्वास्तिक इंस्टीट्यूट जबलपुर- एमजी 16104670
- योगेश्वर कॉलेज बड़वानी- आई 41921
- चिरायु इंस्टीट्यूट छिंदवाड़ा- एमजी 16104018
- केयर कॉलेज भोपाल- एमजी 16102532
- जेएसआर ग्लोबल भोपाल- एआई 56789
- एनआरआइ इंस्टीट्यूट भोपाल- एमजी 16103835
- दादाजी धूनीवाले कॉलेज खंडवा- एमजी 16104395
- राजा राम सरकार कॉलेज भोपाल- एमजी 16102547
- एक्यूरेट इंस्टीट्यूट रायसेन- रजिस्ट्रेशन नंबर एमजी 16102360
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मानसिंह का नाम भी आया था सामने
तब पत्रिका की पड़ताल में मानसिंह सक्सेना का नाम भी सामने आया था। लीना की तरह ही मानसिंह भी चार संभागों के 7 नर्सिंग कॉलेजों में एक साथ पदस्थ था। जबलपुर के कोठारी नर्सिंग कॉलेज में उप प्राचार्य मानसिंह सक्सेना, दतिया के लालकृष्ण कॉलेज में ट्यूटर, इंदौर के भंडारी कॉलेज व धार के संजीवनी स्कूल ऑफ नर्सिंग में असिस्टेंट प्रोफेसर, पंचशील इंस्टीट्यूट शहडोल, मैट स्कूल ऑफ नर्सिंग शिवपुरी व छिंदवाड़ा के एनएस इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग में उप प्राचार्य था। उसकी दो तरह की फोटोज अलग अलग कॉलेजों में लगी मिली थी।
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न जाने खुलेंगे कितने राज ?
बहरहाल ये तो पत्रिका की पड़ताल थी। अब मामला कोर्ट की निगरानी में सीबीआई के हाथों में हैं। परतें खुलने शुरू हो चुकी हैं ऐसे में देखना है कि हजारों छात्रों का भविष्य बर्बाद करने वाले नर्सिंग कॉलेज के फर्जीवाड़े के इस खेल में कितने मोहरे हैं और कितने प्यादे और वो कौन सा शातिर खिलाड़ी है जिसके इशारे पर मध्यप्रदेश में ये खेल सालों से खेला जा रहा था। यह भी पढ़ें