इन प्रोजेक्ट्स की कुल लागत 2411 करोड़ रुपए है, जो विकास के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश है। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे और क्षेत्र का समग्र विकास होगा। टेंडर प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है और उम्मीद है कि अगले साल अप्रैल से काम आरंभ हो जाएगा। केंद्र सरकार ने अयोध्या बाइपास के सिक्सलेन प्रोजेक्ट को 8 महीने पहले मंजूरी दी थी, जिसके बाद NHAI टेंडर और अन्य प्रक्रियाओं में जुटा हुआ है। नवंबर या दिसंबर तक इन प्रोजेक्ट्स का अवार्ड भी हो सकता है।
मौजूदा 4 लेन बाइपास को किया जाएगा 6 लेन
यह प्रोजेक्ट निश्चित रूप से एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन की कनेक्टिविटी को बेहतर बनायेगा। सिंधिया चौराहे से रत्नागिरी तिराहा तक 16.43 किलोमीटर लंबे मौजूदा 4 लेन के बाईपास को छह लेन में बदलने से यातायात की गति में वृद्धि होगी, जिससे यात्रा का समय कम होगा। 1315.25 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट में आठ फ्लाईओवर और एक एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण भी शामिल है, जो यातायात की भीड़ को कम करने में मदद करेगा।कोलार के बाद राजधानी का दूसरा सिक्सलेन
भोपाल में बनने वाला दूसरा सिक्सलेन प्रोजेक्ट शहर की सड़क अवसंरचना को और बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पहले सिक्सलेन का निर्माण कोलार में किया जा रहा है, जो 15.10 किलोमीटर लंबा है। नए प्रोजेक्ट में सिक्सलेन के अलावा पेव्ड शोल्डर, 8 फ्लाईओवर, एक रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) और 58 जंक्शन शामिल होंगे। इसके साथ ही, 3 वायडक्ट, 70 शेल्टर और 32 पुलिया भी बनाई जाएंगी। यह सभी सुविधाएँ न केवल यातायात की सुगमता को बढ़ाएंगी, बल्कि शहर के विकास में भी सहायक होंगी।
फोर लेन के सिक्स लेन बनने से होंगे ये फायदे
-सिक्सलेन के निर्माण से कई महत्वपूर्ण फायदे होंगे। कानपुर से आने वाले वाहन बिना रुकावट के भोपाल बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट तक पहुंच सकेंगे, जिससे यात्रा में सुगमता आएगी। -गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया से आने वाला ट्रैफिक भी बेहतर ढंग से कानपुर और कांडला की ओर जा सकेगा। -अयोध्या बाइपास की 8 लेनिंग स्थानीय ट्रैफिक और माल यातायात को अलग कर, दिन के समय ट्रैफिक की आवाजाही को सुगम बनाएगी और हादसों में कमी लाएगी। इसके अलावा, सांची और विदिशा जैसे पर्यटन स्थलों की एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा।