बता दें कि एमपी के कई स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों ने भाड़े पर शिक्षक रखे हुए थे। ऐसे एक दो नहीं बल्कि कई मामले लगातार सामने आए। पड़ताल के दौरान सामने आए इस मामले के उजागर होते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया और शिक्षा विभाग ने तत्काल आदेश जारी करते हुए स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर शिक्षकों की फोटो लगाने का फरमान जारी कर दिया। यही नहीं शिक्षा विभाग ने उन शिक्षकों को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं, जिन्होंने किराए के शिक्षकों को स्कूल में पढ़ाने भेजा।
नोटिस बोर्ड पर शिक्षकों की फोटो का आदेश, 10 शिक्षक निलंबित
दरअसल, लोक शिक्षण संचालनालय ने इस संदर्भ का आदेश जारी कर दिया है। ये आदेश सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों (DEO) को भेज दिया गया है। इस आदेश में स्पष्ट लिखा गया है कि मध्य प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों की फोटो नोटिस बोर्ड पर लगाई जाएगी। बता दें कि किराए के इन शिक्षकों को स्कूल में पदस्थ शिक्षक पढ़ाने के लिए 3000 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक दे रहे थे। अब तक ऐसे 10 शिक्षकों के निलंबन का आदेश जारी किया गया है।सागर और नर्मदापुरम के साथ ही कई मामले आए सामने
मध्य प्रदेश के सागर जिले के मझेरा गांव के सरकारी स्कूल में पदस्थ शिक्षक इंद्र विक्रम को महीने में 48 हजार रुपए का वेतन मिलता है, लेकिन उन्होंने अपनी जगह पर ममता अहिरवार को बच्चों को पढ़ाने के लिए किराए पर लगा रखा था। स्कूल में पढ़ाने के बदले इंद्र विक्रम ममता को 3000 रुपए महीना दे रहे थे। इसी तरह नर्मदापुरम जिले के खोकसर प्राथमिक स्कूल में पदस्थ शिक्षक सुरेश अतुलकर की जगह पर प्राइवेट महिला टीचर संगीता सवेरिया बच्चों को पढ़ा रही थी, संगीता का तो यहां तक कहना था कि वह इसके लिए कोई पैसा भी नहीं ले रही है।