3 जिले बनाने के बाद और तेज हुई जिलों की मांग
मध्यप्रदेश में वर्तमान में 55 जिले हैं। जिसमें से मऊगंज, मैहर और पांढुर्णा पिछले साल के ही विधानसभा चुनावों में अस्तित्व में आए थे। रीवा जिले से अलग करके मऊगंज को जिला बनाया गया। सतना जिले से मैहर को अलग करके जिला बनाया गया। फिर छिंदवाड़ा से अलग करके पांढुर्णा को भी जिला बना दिया गया था। इससे पहले एमपी में 52 जिले हुआ करते थे। जैसे ही ये जिले अस्तित्व में उसके बाद जिलों की संख्या 55 हो गई है। ठीक वैसे ही अलग-अलग इलाकों से नए जिले बनाने की मांग उठने लगी।बीना और जुन्नारदेव जल्द बनेंगे जिले
सागर से तोड़कर बीना को जिला बनाने की मांग तेज हो गई है। इसके अलावा छिंडवाड़ा से तोड़कर जुन्नारदेव को भी जिला बनाने की तैयारी पहले से चल रही थी, लेकिन कई अन्य जिलों की मांग उठने के कारण ये मांग फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दी गई है।
खुरई को भी जिला बनाने की मांग तेज
इसके अलावा सागर से अलग करके खुरई को जिला बनाने की मांग भी उठाई जा रही है। परिसीमन विभाग की रिपोर्ट आने के बाद कुछ तहसीलों को जिला बना दिया जाएगा। ऐसी जानकारी मिल रही है कि प्रदेश को 4 से 6 नए जिले मिल सकते हैं।चाचौड़ा भी बनाया जा सकता है जिला
गुना जिले से हटाकर चाचौड़ा को भी अलग जिला बनाने की मांग उठ रही है। सिवनी जिले के लखनादौन को जिला बनाने की मांग काफी समय से उठाई जा रही है। ऐसे ही उज्जैन से अलग कर नागदा, दमोह से अलग करके हटा, डिंडौरी जिले के शाहपुरा, शिवपुरी जिले से अलग करके पिछोर को जिला बनाने की मांग की जा चुकी है। पिछोर को जिला बनाने की घोषणा खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। इधर, बालाघाट को तोड़कर वहां भी तीन जिले बनाएं जाने की मांग की जा चुकी है। इसके लिए पूर्व विधायक किशोर समरीते ने बालाघाट से तीन जिले बनाने के लिए राष्ट्रपति को भी पत्र लिखा था।
ठीक ऐसे ही खरगोन को तोड़कर महेश्वर को जिला बनाने की मांग लगातार उठ रही है। इसके अलावा छिंदवाड़ा, गुना, छतरपुर और धार जिल के मनावर को जिला बनाने की मांग भी उठती आ रही हैं। आने वाले समय से मांग पूरी की जाती है तो एमपी में जिलों की संख्या 60 से अधिक हो सकती है।