यह प्रावधान नगरीय विकास विभाग की बनाई नई पार्किंग पॉलिसी में शामिल किए गए हैं। विभाग ने पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जल्द कैबिनेट में पेश किया जाएगा। यहां मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा। अभी शहरों में विकास कार्य के दौरान पार्किंग पर ध्यान नहीं दिया जाता है।
बड़े शहरों में ज्यादा, छोटे में कम शुल्क
पॉलिसी में शहरों की आबादी के अनुसार शुल्क तय किए जाएंगे। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर जैसे बड़े शहरों में शुल्क ज्यादा रहेगा। यह पीक ऑवर और सामान्य समय में शुल्क कम-ज्यादा हो सकता है। प्राइम लोकेशन के अनुसार भी शुल्क ज्यादा हो सकता है, जबकि छोटे नगरों में शुल्क कम रहेगा। ये भी पढ़ें: Ujjain News: काम की तलाश में 600 किमी दूर आई थी महिला, जान बचाने आधी रात में सड़क पर दौड़ती रही
दूसरी बार पॉलिसी…
आवासीय और व्यावसायिक दोनों क्षेत्रों में पार्किंग बड़ी समस्या बन रही है। नई पार्किंग पॉलिसी इसे ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। इसमें पार्किंग के लिए पहले से ही जमीन आरक्षित कर लैंड पूल बना लिया जाएगा। बता दें, नगरीय विकास विभाग ने दूसरी बार पार्किंग पॉलिसी तैयार की है। इसके पहले 2016 में पॉलिसी बनाई थी, लेकिन लागू नहीं हो सकी थी। कैशलेस सुविधा भुगतान की सुविधा होगी।
मध्य प्रदेश में कार्ड, यूपीआइ आदि से शुल्क का भुगतान किया जा सकेगा। साथ ही इसे फास्टैग से भी जोड़ा जाएगा, ताकि गाड़ी की पार्किंग में एंट्री होते समय ही शुल्क फास्टैग से कट जाएगा। इससे तय शुल्क से ज्यादा वसूली संबंधी विवाद की स्थितियां नहीं बनेंगी। लोगों का समय भी बचेगा।
चार्जिंग के भी इंतजाम
- नई पॉलिसी में इलेट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने प्रावधान किए हैं। पार्किंग में ईवी चार्ज करने की व्यवस्था होगी। इसका शुल्क तय रहेगा। ईवी की पार्किंग नि:शुल्क होगी।
- सघन क्षेत्रों में मैकेनाइज्ड और मल्टीलेवल पार्किंग ऐसे क्षेत्र जो बहुत सघन हैं और जहां जगह बहुत कम है, वहां मैकेनाइज्ड पार्किंग होगी।
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