भोपाल

MP News: सीएम ने मंत्रियों को सौंपे जिले, बढ़ाए वेतन-भत्ते, जानें महापौर-मंत्री तक किसे मिलेगी कितनी सैलरी

एमपी सीएम डॉ. मोहन यादव ने मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंप दिया है, इसके साथ ही 16 माह बाद फिर महापौर, नपा अध्यक्ष व पार्षदों के मानदेय में 20% वृद्धि का ऐलान कर दिया है…

भोपालAug 13, 2024 / 10:06 am

Sanjana Kumar

सीएम ने किया बड़ा ऐलानस ‘नगर सरकार’ खुश

MP News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव(CM Mohan Yadav) ने सोमवार को मंत्रियों को जिले का प्रभार दे दिया है। सीएम ने इंदौर अपने पास रखा है, जबकि गृह जिले उज्जैन (Ujjain) की जिम्मेदारी गौतम टेटवाल को दी। राकेश सिंह को छिंदवाड़ा(Chhindwara), तुलसी सिलावट को ग्वालियर जिले का प्रभार दिया है। सबसे अधिक गौतम टेटवाल और चैतन्य काश्यप को जिले के मिले प्रभार ने चौंकाया है। चैतन्य भोपाल और टेटवाल उज्जैन संभालेंगे। दोनों सीएम के करीबी हैं। उज्जैन सीएम का गृहनगर होने के साथ सिंहस्थ के होने वाले आयोजन की तैयारियों के लिहाज से महत्वपूर्ण है।

सिंधिया खेमा अपने जिले, अपने मोहरे

ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के तुलसी सिलावट, गोविंद राजपूत और प्रद्युम्न तोमर को सिंधिया के क्षेत्र के जिलों का ही प्रभार मिला। ग्वालियर, गुना, शिवपुरी इन्हीं के प्रभाव क्षेत्र का है। साफ है कि सिंधिया अपने इलाके में दखल नहीं चाहते हैं। कैलाश को बड़ा जिला नहीं कैलाश विजयवर्गीय को बड़े जिले की कमान नहीं मिली है। सतना और धार की जिम्मेदारी मिली है। ऐसी ही स्थिति प्रहलाद पटेल की भी रही, उन्हें भिण्ड-रीवा मिले।

उपमुख्यमंत्रियों की परीक्षा


राजेंद्र शुक्ल को सागर, शहडोल और जगदीश देवड़ा को जबलपुर-देवास की जिम्मेदारी दी है। शुक्ल को सागर में मंत्री राजपूत के साथ गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह को साधना चुनौती होगी। देवड़ा को जबलपुर में मंत्री राकेश सिंह के साथ अजय विश्नोई को भी साधना होगा।

नाराज नागर को मिले छोटे जिले

वन व पर्यावरण विभाग लेने से नाराज हुए मंत्री नागर सिंह चौहान को दो जिले आगर और उमरिया का जिम्मा दिया गया है, ताकि उनकी नाराजगी दूर हो। वहीं वन मंत्री रामनिवास रावत को मंडला और दमोह की जिम्मेदारी दी गई है।

सावन में नगर सरकार की बल्ले-बल्ले

सावन में नगर सरकार की बल्ले-बल्ले हो गई। 16 महीने बाद फिर महापौर, नपा अध्यक्ष व पार्षदों के मानदेय में 20% वृद्धि का ऐलान किया गया। अब नगर निगम के महापौर का मानदेय 22 हजार से बढ़कर 26,400 रुपए होगा। सितंबर के मानदेय में जोड़कर बढ़ी राशि मिलेगी।
प्रदेश के 414 नगरीय निकाय-नगर परिषदों 8 हजार जनप्रतिनिधियों को लाभ होगा। जनप्रतिनिधियों में 50% महिलाएं हैं। सरकार ने सावन में लाड़ली बहना को 250 रुपए का नेग और महिलाओं को सस्ते गैस सिलेंडर का उपहार दिया है। निकायों की महिला जनप्रतिनिधियों सौगात नहीं दी थी। मानदेय बढ़ाकर उन्हें साधने का प्रयास किया है। बता दें, अप्रेल 2023 मेें शिवराज सरकार ने महापौर, नपाध्यक्ष, परिषद अध्यक्ष व पार्षदों के मानदेय बढ़ाए थे।

सांसदों के वेतन-भत्ते 2.30 लाख रु. से अधिक

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सांसदों का मूल वेतन प्रति माह 1 लाख रुपए है। भत्तों के साथ 2.30 लाख मिलते हैं। वेतन-दैनिक भो में 5 साल में वृद्धि का प्रावधान है। यात्रा भत्ते, सदन के सत्र, समिति की बैठक में शामिल होने पर अलग से भत्ते मिलते हैं।

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राज्य कर्मचारियों ने मांगा 50% डीए

अब राज्य कर्मचारियों ने भी केंद्र की तरह समान डीए देने के लिए सरकार पर दबाव बनाया है। राज्य कर्मचारियों का 46% डीए है, जबकि केंद्रीय कर्मचारी को 50% मिल रहा है।

विधायकों का रखा पूरा ध्यान…

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राज्य सरकार ने विधायकों का भी पूरा ध्यान रखा है। विधायकों को वेतन-भत्ते समेत 1.10 लाख रुपए प्रति माह मिलते हैं। फिर भी विधायकों को यह कम लगते हैं। इसमें वृद्धि की मांग भी उठती रही है। विधायकों का मूल वेतन 30 हजार रुपए ही है, पर भत्ते दोगुने से अधिक हैं। 2016 में वेतन-भत्ते में वृद्धि हुई थी। पहले वेतन-भत्ते 71,000 रुपए थे। इन्हें बढ़ाकर 1.10 लाख रुपए किया। वेतन-भत्तों के अलावा आवास, चिकित्सा सुविधा व अन्य सुविधाएं भी हैं। सत्र में हर बैठक का अलग से भत्ता मिलता है।

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