कई मामलों को देखते हुए बड़े बदलाव की तैयारी
अक्सर कई मामलों में देखा गया है कि मकान मालिक ने किराए से मकान दे दिया और बाद में किराएदारों ने किराया देना ही बंद कर दिया। ऐसे मामलों में अक्सर पुलिस भी सिविल कोर्ट का मामला बताकर दखल देना बंद कर देती है। इसी प्रकार के मामलों को देखते हुए किराएदारी एक्ट को और बनाने का निर्णय लिया गया है। इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है।
नए एक्ट में किए जा सकते हैं ये प्रावधान
किराएदारी एक्ट के तहत एग्रीमेंट कराया जाएगा। जिसमें यदि किराएदार मकान खाली नहीं करता तो उसे शुरूआत के दो महीने दोगुना और तीसरे महीने से चार गुना किराया जुर्माने के रूप में देना होगा। हर साल एग्रीमेंट के हिसाब से ही किराए में बढ़ोत्तरी होगी। निर्धारित किराए से ज्यादा बढ़ोत्तरी नहीं की जा सकेगी। पहले किरायदारी एक्ट सिर्फ शहरी इलाकों तक ही सीमित था, लेकिन अब ये पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।