कमलनाथ सरकार ने लिया था फैसला
तत्कालीन कमलनाथ सरकार के फैसले को लेकर साल 2019 के बाद भर्ती हुए सरकारी कर्मचारी कोर्ट का जाएंगे। उस वक्त सरकार की ओर से तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों को लेकर फैसला लिया गया था कि ज्वाइनिंग के पहले साल 70 फीसदी सैलरी, दूसरे साल 80 फीसदी, तीसरे साल 90 फीसदी और चौथे साल 100 फीसदी सैलरी मिलने की बात कही गई थी। इस फैसले के विरोध में कर्मचारियों ने अब हाईकोर्ट का रुख करने की ठानी है।
कर्मचारियों का कहना है कि हमने फॉर्म 100 फीसदी सैलरी का भरा था और सरकार ने बीच में ही नियम बना दिए। इसमें संशोधन के लिए राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से भी इस मामले में दखल देने का आग्रह किया था।
हालांकि, सामान्य प्रशासन विभाग ने नियम में संशोधन करने के लिए विचार-विर्मश शुरु कर दिया था, लेकिन अभी तक नियम नहीं बदला है। जिस वजह से नाराज कर्मचारी अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।