17 सितंबर 2022 को ही नामीबिया से चीते लाए गए थे। एनटीसीए के उप महानिरीक्षक वैभवचंद्र माथुर ने 21 जुलाई को
मप्र के मुख्य वन्य जीव वार्डन को पत्र लिखा कि शेन फिल्म्स व प्लांटिंग प्रोडक्शंस को शर्तों के अनुसार कूनो व गांधी सागर में फिल्मांकन की सुविधा दें।
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पहले एनटीसीए व भारतीय वन्यजीव संस्थान के साथ तालमेल कर चुके वेब सीरीज बनाने वालों ने प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए 50 लाख रुपए की वित्तीय सहायता को लेकर मप्र पर्यटन और एमपी टाइगर फाउंडेशन से संपर्क किया। एक अफसर ने बताया, वित्तीय सहायता संभव नहीं है, पर हम निर्देशानुसार वेब सीरीज के फिल्मांकन के लिए पूरा सहयोग देंगे।
ये भी जानें
- राज्य के मुख्य वन्यजीव वार्डन ने 6 अगस्त को दी प्रस्ताव को मंजूरी
- वेब सीरीज डिस्कवरी नेटवर्क पर 170 देशों में कई भाषाओं में प्रसारित होगी।
- चीता प्रोजेक्ट की संकल्पना, चीतों को भारत लाने में आई दिक्कतें, भविष्य की अपेक्षाएं दिखाई जाएगी।
गांधी सागर दूसरा ठिकाना
चीतों को बसाने की योजना में नामीबिया और अफ्रीकी देशों से 5 साल में हर साल 12-14 चीते लाने की बात है। अब गांधीसागर अभयारण्य के लिए चीते लाए जाएंगे। इधर, वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने फिल्म पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा, प्रोजेक्ट के सामने कई चुनौतियां हैं। पहले इसका समाधान होना चाहिए।