MP News: मध्य प्रदेश की मंडला लोकसभा सीट (mandla lok sabha seat) से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिली। इस पर फग्गन सिंह कुलस्ते ने अब अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बड़ा खुलासा किया है। फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि उन्हें ये कतई पसंद नहीं था कि वे चौथी बार राज्य मंत्री बने। इसलिए उन्होंने चौथी बार जूनियर मंत्री बनने से साफ इनकार कर दिया।
यहां जानें क्या बोले मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते
फग्गन सिंग कुलस्ते (Faggan singh kulaste) ने मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘मैंने चौथी बार जूनियर मंत्री बनने से साफ इनकार कर दिया था। मैं तीन बार राज्य मंत्री रह चुका हूं। चौथी बार राज्य मंत्री बनना अच्छा नहीं लगा। तो मैंने साफ मना कर दिया। मैंने कहा कि अगर मैं कैबिनेट मंत्री बन जाऊं तो अच्छा रहेगा। मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।तीन बार राज्यमंत्री रह चुके हैं फग्गन सिंह कुलस्ते
मध्य प्रदेश की मंडला लोकसभा सीट से सात बार जीत चुके बीजेपी के 65 वर्षीय आदिवासी नेता फग्गन सिंह कुलस्ते ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जगह न मिलने के बाद पहली बार मीडिया से खुलकर बातचीत की। बता दें कि मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला क्षेत्र के मतदाताओं को धन्यवाद देने के लिए मंडला पहुंचे थे। बता दें कि मंडला संसदीय क्षेत्र में दौरे पर गए सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते जिला अस्पताल भी पहुंचे और यहां भर्ती मरीजों का हाल जाना।
राज्य मंत्री के रूप में फग्गन सिंह कुलस्ते का कार्यकाल
- फग्गन सिंह कुलस्ते पिछली सरकार में ग्रामीण विकास राज्य मंत्री थे।
- पीएम मोदी के पहले कार्यकाल 2014-2019 में वे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री थे।
- 1999 और 2004 के बीच जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब फग्गन सिंह कुलस्ते जनजातीय और संसदीय मामलों के राज्य मंत्री रहे।
विधानसभा चुनावों में देखी थी हार, विवादों से भी नाता
मंडला सासंद फग्गन सिंह कुलस्ते को एक बार जहां विधान सभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। वहीं विवादों से भी उनका नाता रहा। फग्गन सिंह कुलस्ते ने 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में भी अपनी किस्मत आजमाई थी। लेकिन उस समय वे हार गए। उनका नाम एक बार कथित कैश-फॉर-वोट घोटाले से जुड़ा था, जिसमें कुलस्ते सहित तीन बीपी सांसद शामिल थे। उन्होंने जुलाई 2008 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह की सरकार पर विश्वास मत पर बहस के दौरान लोकसभा में नोट लहराए थे।