मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार के बीच हुए समझौते के बाद इस परियोजना का काम दो चरणों में पूरा किया जाएगा। दोनों चरण एक साथ चलेंगे, पहले चरण में 13 और दूसरे चरण में 9 बांध बनाए जाएंगे। इस परियोजना के लिए 90 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार देगी और बाकी 10 प्रतिशत राशि राज्य व्यय करेंगे। परियोजना 5 साल के अंदर पूरी होगी। इसकी लागत लगभग 75 हजार करोड़ रुपये है। इसमें मध्य प्रदेश में 35 हजार करोड़ रुपये के निर्माण कार्य करवाए जाएंगे।
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पार्वती, कालीसिंध और चंबल (पीकेसी) परियोजना के पूरा होने से मध्यप्रदेश के चंबल और मालवा क्षेत्र के 13 जिलों को फायदा मिलेगा। मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड और श्योपुर में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी तो वहीं इंदौर, उज्जैन, धार, आगर मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ के उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। बता दें, मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच हुए समझौते के अनुसार पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना में कुंभराज काम्प्लेक्स, सीएमआरएस कॉम्प्लेक्स, लखुंदर बैराज, रणजीत सागर परियोजना तथा ऊपरी चंबल कछार में सात सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण होगा।