वहीं इंदौर में साढ़े सात हजार की लागत से बनने वाले मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए भी साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए के कर्ज के लिए एशियन डेव्हलपमेंट ने लोन के लिए सैद्धांतिक सहमति दी है।
जानकारों का मानना है कि राज्य सरकार की कोशिश है कि अप्रैल-मई में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का
काम शुरु कर लोगों को चुनाव से पहले फीलगुड कराया जा सके।
पूर्व मुख्यमंत्री के सवालों पर ये दिए थे जवाब: इससे पहले
मध्य प्रदेश में मेट्रो ट्रेन को लेकर हो रही देरी पर राज्य की नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह ने लखनऊ और
जयपुर या फिर दूसरे शहरों से भोपाल-इंदौर मेट्रो की तुलना नहीं करने की बात कही थी.
माया सिंह ने यहां तक कहा कि छोटी-मोटी सड़क या फिर भवन बनाने जैसा मेट्रो का काम नहीं है. नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह ने कहा कि दूसरे राज्यों के शहरों की तुलना में भोपाल-इंदौर में प्रस्तावित मेट्रो ट्रेन परियोजना बड़ी है. दोनों शहरों को मिलाकर मेट्रो ट्रेन करीब 200 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करेगी.
पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बाबूलाल गौर के सरकार पर अधूरे मन से मेट्रो पर काम करने के लगाए गए आरोपों पर सफाई देते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह ने कहा कि मेट्रो ट्रेन को लेकर सरकार गंभीर है, हो रही देरी से कोई नाराज नहीं है.
माया सिंह ने कहा कि गौर पार्टी के वरिष्ठ नेता है कोई भी सवाल पूछ सकते हैं. नगरीय प्रशासन मंत्री ने भरोसा जताया कि मेट्रो पर काम अंतिम स्टेज पर है अगले वर्ष मेट्रो के काम की शुरुआत हो जाएगी.
इधर, अब 2 घंटे में तय होगी भोपाल से इंदौर की दूरी :-
शिवराज सरकार, प्रदेश को पहला एक्सप्रेस-वे देने की तैयारी कर चुकी है। ये एक्सप्रेस-वे भोपाल-इंदौर के बीच विकसित किया जाएगा, जो कि दोनों शहरों के बीच के सफ़र का वक्त घटाकर मात्र दो घंटे कर देगा।
फ्रेंड्स ऑफ एमपी कॉनक्लेव के दौरान नगरीय प्रशासन एवं विकास सचिव विवेक अग्रवाल ने जानकारी दी कि सरकार भोपाल-इंदौर के बीच सिक्स लेन एक्सप्रेस वे बनाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जिसकी अनुमानित लागत तकरीबन तीन हजार करोड़ रुपये आएगी। सरकार का लक्ष्य इस प्रोजेक्ट को 2022 तक पूरा करने का है।
एक्सप्रेस वे बनने के बाद भोपाल और इंदौर का सफ़र महज दो घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इसके साथ ही एक्सप्रेस-वे पर केवल इन्हीं दोनों शहरों के बीच चलने वाले वाहनों को जाने की अनुमति होगी।
दोनों शहरों के बीच बनने वाले इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई तकरीबन 200 किलोमीटर होगी। जिसे इंडस्ट्रियल हब के रूप में विकसित किया जाएगा। हाई-वे के दोनों ओर इंडस्ट्रियल रेजिडेंशियल प्लॉट विकसित होंगे। सीएम
शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र से एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट को नेशनल हाईवे डेवलपमेंट प्रोग्राम में शामिल करने की भी मांग की है।