बता दें कि आज फिर एमपी बीजेपी में बैठकों का दौर शुरू चलेगा। बैठक के बाद जिला अध्यक्षों की तीसरी सूची जारी की जाएगी। अब तक कुल 20 जिलों में जिला अध्यक्ष घोषित किए जा चुके हैं।
शिवपुरी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के जसमंत जाटव को अध्यक्ष बनाया। जाटव कुछ वर्ष पहले ही कांग्रेस से भाजपा में आए थे। अशोकनगर में सिंधिया गुट के आलोक तिवारी तो श्योपुर में नरेंद्र सिंह तोमर के करीबी शशांक भूषण को अध्यक्ष बनाया गया है।
दो अध्यक्ष रविवार को और 18 की घोषणा सोमवार को की गई। कुल 20 नामों से सिर्फ एक महिला अध्यक्ष वंदना खंडेलवाल का नाम आया है। वे अभी नीमच जिला उपाध्यक्ष हैं। नगर पालिका में राजस्व समिति सभापति हैं। उनका नाम विधायक दिलीप सिंह परिहार ने आगे बढ़ाया था। वंदना आरएसएस से ताल्लुक रखती हैं।
यहां रिपीट
देवास, मैहर, बुरहानपुर, पन्ना, रतलाम, छतरपुर, मऊगंज, हरदा, गुना।पहले कही थी सख्ती की बात
18 में से नौ अध्यक्ष रिपीट किए गए हैं, जबकि वरिष्ठ नेताओं ने ही रिपीटेशन पर सख्ती करने वाली बात कही थी। हालांकि संगठन का कहना है कि जिन्हें अध्यक्ष बने दो साल से कम हुए थे, उन्हें ही रिपीट किया है।सिंधिया के करीबी के लिए पार्टी गाइडलाइन शिथिल
बता दें कि भाजपा गाइडलाइन के मुताबिक जिला अध्यक्ष बनने के लिए 6 साल तक पार्टी सक्रिय सदस्य होना जरूरी है। लेकिन एमपी में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है जब किसी जिला अध्यक्ष के लिए भाजपा ने अपनी गाइडलाइन को शिथिल किया है। दरअसल भाजपा के 20 जिला अध्यक्षों की सूची में सबसे चौंकाने वाला नाम शिवपुरी से जसमंत जाटव का सामने आया है। जाटव 2018 में कांग्रेस विधायक बने थे। लेकिन सिंधिया के भाजपा में आने के बाद वे भाजपा में शामिल हो गए थे। 2020 में उपचुनाव हार गए। जाटव को भाजपा में आए केवल 4 साल हुए हैं। लेकिन उन्हें जिला अध्यक्ष घोषित कर दिया गया।
बता दें कि सूची में संगठन की गाइडलाइन को इसी तरह कई जगह शिथिल किया गया है। हर जगह दिग्गज नेताओं की पसंद का ध्यान रखा है। ये भी पढ़ें: 100 फीट उतर सीएम ने देखी कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना, बोले- सरकार हवा में लटकी थी