भोपाल। प्राकृतिक सुंदरता मध्यप्रदेश की पहचान है। भारत में जम्मू-कश्मीर को जहां पृथ्वी का स्वर्ग माना जाता है, वहीं मध्यप्रदेश भी ईश्वर की ऐसी रचना है जिसने इसे हरियाली का स्वर्ग बना दिया। प्राकृतिक नजारों, वन्य जीवन और जैविक विविधता का खजाना है। इतिहास से लेकर वर्तमान तक पुरातत्वविदों, वैज्ञानिकों के साथ ही प्रकृति प्रेमियों के लिए सबसे पसंदीदा स्थल रहा है। आज वल्र्ड वाइल्डलाइफ डे पर हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे फैक्ट जो आपको प्रदेश की सैर करने और रोमांच के साथ ऐसी जिज्ञासा से भर देंगे जिसे खत्म करने के लिए आप यहां जरूर आएंगे।
आपको बता दें मध्यप्रदेश के जंगलों की सैर करने केवल प्रदेश के ही नहीं बल्कि दुनियाभर से लाखों पर्यटक आते हैं। यहां के जंगलों की खूबसूरती के साथ ही लुप्त प्राय: कई वन्य जीवों और पक्षियों को देखना पर्यटकों को रोमांच से भर देता है। प्रकृति को करीब से जानने का जितना गहरा अहसास यहां के जंगल देते हैं उतने पूरे भारत में कहीं नहीं है, शायद यही कारण है कि प्रकृति प्रेमियों ने कहा है एमपी इज दा वल्र्ड ऑफ द वाइल्ड लाइफÓ, तो किसी ने इसे प्रकृति का वरदान नाम दिया है। इसलिए तो कहते हैं यहां आइये क्यों कि यहां जंगलों की भीनी खुशबू में प्रकृति की आत्मा बसती है…
क्या है वाइल्ड लाइफ सेंचुरी
वाइल्ड लाइफ सेंचुरी यानी अभयारण्य एक ऐसा क्षेत्र जो वन और वन्य जीवों के लिए संरक्षित होता है। जैविक सम्पदा से भरे इन क्षेत्रों में कुछ मानवीय गतिविधियों जैसे लकड़ी कटाई,लघु वन उत्पाद और निजी स्वामित्व अधिकार के अतिरिक्त किसी भी गतिविधि पर प्रतिबंध होता है। वन्य जीवों के संरक्षण के यह केंद्र प्रकृति प्रेमियों के लिए पर्यटन के सबसे खूबसूरत और रोमांचक होते हैं। क्या आप जानते हैं पूरे भारत में ऐसे कितने अभयारण्य और पार्क हैं या फिर मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा क्यों दिया जाता है, क्या आपको पता है कि मध्यप्रदेश में कितनी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी और नेशनल पार्क के अलावा कितने टाइगर रिजर्व एरिया हैं…आइए हम बताते हैं…
फैक्ट
-पूरे भारत में 531 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी हैं।
-सबसे ज्यादा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी अंडमान निकोबार में हैं। यह कुल 96 सेंचुरी और नेशनल पार्क के लिए मशहूर है।
-हिमाचल प्रदेश का नंबर दूसरा है। यहां कुल 32 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी हैं।
-इसके बाद आता है तमिलनाडु का नंबर यहां कुल 26 सेंचुरी हैं।
-चौथे स्थान पर है मध्यप्रदेश और राजस्थान यहां 25-25 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी हैं।
-पांचवें नंबर आता है गुजरात का यहां 23 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी हैं।
-भारत की टॉप 10 सेंचुरीज में अकेला मध्यप्रदेश ही ऐसा राज्य है जिसकी 3 सेंचुरी टॉप में शामिल हैं। इनमें बांधवगढ़ नेशनलपार्क, उमरला, कान्हा नेशनल पार्क मंडला से बालाघाट तक फैली है। वहीं पचमढ़ी, होशंगाबाद जिले में स्थित है। इसे मध्यप्रदेश का स्वर्ग कहा जाता है।
-बांधवगढ़ ऐसी सेंचुरी है जहां भारत में सबसे पहले मजेस्टिक व्हाइट टाइगर मोहन को देखा गया था।
– पिछले 14 वर्षों में सरीसृप और डायनासोर के जीवाश्म यहां पाए गए।
– प्रदेश का कान्हा नेशनल पार्क पूरे एशिया के उन पार्कों में से एक है जो सबसे ज्यादा व्यवस्थित हैं।
– मंडला एक ऐसा जीवाश्म पार्क है जहां 40 से 15 करोड़ पुराने पेड़-पौधों, पत्तियों और बीजों के साथ ही कई जीवों के जीवाश्म मिले हैं। इसलिए यह पुरातत्वविदों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र है।
ये हैं प्रदेश की सेंचुरी
-बोरी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी– होशंगाबाद, भोपाल
-बागडारा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी – सीधी
-फेन वाइल्ड लाइफ सेंचुरी -मंडला
-घाटिगो वाइल्ड लाइफ सेंचुरी – ग्वालियर
-गांधी सागर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी – मंदसौर
-करेरा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी-शिवपुरी
-केन घडिय़ाल वाइल्ड लाइफ सेंचुरी-छतरपुर पन्ना
-सियोमी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी- देवास, सीहोर
-नरसिंहगढ़ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी- राजगढ़-ब्यावरा
-नेशनल चंबल वाइल्ड लाइफ सेंचुरी-मुरैना
-नौरादेही वाइल्ड लाइफ सेंचुरी -सागर
-पचमढ़ी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी-होशंगाबाद,भोपाल
-पनपथा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी -शहडोल
-कुनो वाइल्ड लाइफ सेंचुरी-मुरैना
-रातापानी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी-रायसेन, भोपाल
-संजय डुबरी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी-सीधी
-सिंघोरी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी-रायसेन, भोपाल
-सरदारपुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी-धार
-सल्लाना वाइल्ड लाइफ सेंचुरी-रतलाम
-रलामंडल वाइल्ड लाइफ सेंचुरी-इंदौर
-ओरछा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी-टिकमगढ़
-गंगऊ वाइल्ड लाइफ सेंचुरी-टिकमगढ़
-वीरांगना दुर्गावती वाइल्ड लाइफ सेंचुरी-दमोह
प्रदेश की टाइगर रिजर्व सेंचुरी
टाइगर रिजर्व सेंचुरी-मंडला, बालाघाट
टाइगर रिजर्व सेंचुरी-सियोनी छिंदवाड़ा
टाइगर रिजर्व सेंचुरी- उमरला
टाइगर रिजर्व सेंचुरी- पन्ना
संजय डुबरी टाइगर रिजर्व सेंचुरी- सीधी, सिंगरौली