एसपी नरवाल के वाहन से ही राजेंद्र कुमार व एसपी अपराह्न 3.10 बजे सायबर मुख्यालय पहुंचे, लेकिन यहां से वे अपने वाहन में बैठकर फिर रवाना हो गए। मीडिया को देखकर वह बचाव की मुद्रा में नजर आए। आरोपियों श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा भटनागर सोनी और आरती दयाल से पहले दिन उनके पास से जब्त ऑडियो-वीडियो क्लिप का ट्रांसक्रिप्शन (ऑडियो-वीडियो को शब्दश: लिखना) किया गया। पूछताछ करने वाली टीम ने जब ट्रांसक्रिप्शन किया तो एक प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी से श्वेता की घंटों बातचीत सामने आई, जिसमें अफसर बचाव के
लहजे में श्वेता से बात कर रहे हैं। इस क्लिप को लेखनबद्ध किया गया तो बातचीत से 40 से अधिक पेज भर गए। बातचीत में श्वेता ने यह भी कहा कि यदि काम नहीं किया तो वह अफसर को बदनाम करेगी। वहीं, श्वेता संबंधित अफसर से दबाव की मुद्रा में बात करने जैसे शब्द सामने आए। ऑडियो-वीडियो में 11 अन्य वरिष्ठ आईएएस अफसरों से भी श्वेता की घंटों बातचीत सामने आई है। इनमें कुछ अफसर अश्लील बात करते नजर आए तो कुछ खुद को बचाते नजर आए। ट्रांसक्रिप्शन में यह भी पता चला है कि श्वेता ने अफसरों पर खुद के एनजीओ को काम दिलाने के लिए कितना दबाव बनाया था। सूत्रों का कहना है कि जिन 12 वरिष्ठ आईएएस अफसरों से आरोपियों की क्लिपिंग्स बरामद की गई है, उनमें से अधिकांश पूर्ववर्ती सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं, जो स्वयं बड़े निर्णय लेने की स्थिति में थे।
5 नवंबर तक होगी पूछताछ
सीआईडी द्वारा आरोपियों से 5 नवंबर तक पूछताछ की जाएगी। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को श्वेता व आरती से चार इमली स्थित एक पूर्व मंत्री के बंगले के पास स्थित एक आवास में पूछताछ की गई है।