मध्यप्रदेश के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रश्मि अरुण शमी और संजीव सिंह के खिलाफ हाईकोर्ट की इंदौर बेंच द्वारा 20 अक्टूबर को ये वारंट जारी किए गए। बुरहानपुर की एक महिला टीचर की याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों अधिकारियों के वारंट जारी किए। याचिका पर रश्मि अरुण शमी और संजीव सिंह के खिलाफ हाईकोर्ट की अवमानना का केस भी शुरू कर दिया गया है।
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यह भी पढ़ें : Ladli Behna Yojana – लाड़ली बहनों को 1250 रुपए के साथ 5 हजार की प्रोत्साहन राशि भी, सीएम मोहन यादव की बड़ी घोषणा बुरहानपुर की महिला टीचर माधुरी प्रजापति ने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में यह याचिका दायर की। टीचर ने माध्यमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति देने और उनकी प्रथम नियुक्ति के तिथि से संपूर्ण वेतन व अन्य लाभ की मांग करते हुए याचिका लगाई थी। कोर्ट ने सभी राशियों के भुगतान करने के लिए स्पष्ट आदेश जारी कर दिए लेकिन हाईकोर्ट के आदेश पर 1 साल बाद तक अमल नहीं किया गया। इस पर हाईकोर्ट के समक्ष आदेश की अवमानना की याचिका प्रस्तुत की गई। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद इस केस में जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध वारंट जारी करने के आदेश दे दिए।
हाईकोर्ट ने इस केस में स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी और स्कूल शिक्षा आयुक्त संजीव सिंह के खिलाफ नामजद वारंट जारी किए हैं। 20 अक्टूबर को जारी किए गए इन वारंटों में पुलिस को दोनों अधिकारियों को कोर्ट के सामने पेश करने का आदेश दिया गया है।
बता दें कि इससे पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और सामान्य प्रशासन विभाग में अपर मुख्य सचिव संजय दुबे से जबलपुर हाईकोर्ट ने इस्तीफा देने की बात कह दी थी। उनके विरुद्ध एक अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि कोई अधिकारी 6 महीने में भी कोर्ट के आदेश पर अमल नहीं कर सकता तो वह पद से इस्तीफा दे दें। आईएएस संजय दुबे गृह विभाग में अपर मुख्य सचिव रह चुके हैं। पुलिस अधिकारी विजय पुंज ने उनके खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका लगाई थी। याचिका कर्ता का प्रमोशन किया जाना था और इस संबंध में हाईकोर्ट ने आदेश दिया लेकिन इसका पालन नहीं किया गया।