जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया व उनके परिवार को आरोपी बनाया गया है। वहीं ये बात भी सामने आ रही है कि 2014 में दर्ज हुई इन शिकायतों को जांच के बाद सत्य नहीं पाए जाने पर नस्तीबद्ध कर दिया गया था। ऐसे में सिंधिया द्वारा भाजपा के साथ आते ही इस केस को फिर सामने लाने के मामले में जानकारों का मानना है कि यह जानबुझकर सिंधिया को परेशान करने के लिए की गई कार्रवाई प्रतीत होती है।
वहीं आवेदक सुरेंद्र श्रीवास्तव ने इन शिकायतों की जांच के बाद नस्तीबद्ध किए जाने से असंतुष्ट होकर उनके द्वारा पूर्व में प्रस्तुत दोनों आवेदन पत्रों पर पुन: जांच / सत्यापन की कार्यवाही के लिए अनुरोध किया है। आवेदक के आवेदन पत्र पर प्रकोष्ठ द्वारा सत्यापन की कार्यवाही की जा रही है।
आवेदन के बाद माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरुद्ध जल्द ही कार्रवाई हो सकती है। वहीं इससे पहले भाजपा के प्रभात झा भी जमीन घोटाले के मामले में सिंधिया के खिलाफ घेराबंदी कर चुके हैं।
सिंधिया की घेराबंदी के चलते Eow sp ग्वालियर भी बदल दिए गए हैं। ग्वालियर के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ग्वालियर इकाई के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र सिंह राजपूत को नवीन पदस्थापना देते हुए पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ उज्जैन इकाई बनाया गया है। वहीं अमित सिंह सहायक महानिरीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ मुख्यालय भोपाल को नवीन पदस्थापना देते हुए पुलिस अधीक्षक आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, ग्वालियर इकाई बनाया गया है।