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दिल्ली AIIMS के प्रोटोकॉल पर जारी हुआ आदेश
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान के मुताबिक, रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल सरकारी स्तर पर कभी नहीं किया गया, लेकिन ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) दिल्ली ने 7 अप्रैल को कोरोना के लिए रिवाइज ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल जारी किया है। प्रोटोकॉल के तहत जिस मरीज को 5 लीटर से अधिक ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है, सिर्फ उन्हीं को रेमडेसिविर इंजेक्शन का डोज लग सकता है। इसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना के इलाज में इस प्रोटोकॉल के तहत ही इंजेक्शन देने के आदेश जारी किये हैं।
1 लाख रेमडेसिविर खरीदेगी सरकार
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि, मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार 1 लाख रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने वाली है। 60 हजार डोज के लिए टेंडर जारी किये जा चुके हैं। हालांकि, सरकारी खरीद प्रक्रिया में समय लगता है, इसलिए सीएसआर (कॉरर्पोरेट सोशल रिस्पोंसबिलिटी ) फंड से 50 हजार डोज मंगाए जा रहे हैं।
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4 दिन में बड़े शहरों में 80 फीसदी लोगों को वैक्सीनेशन का टारगेट
अपर मुख्य सचिव के मुताबिक, सूबे में अब तक 54 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी है। इसमें 60 साल से ज्यादा के 33 फीसदी लोगों को पहला और दूसरा डोज लग चुका है। उन्होंने बताया कि, अब जिन शहरों में ज्यादा संक्रमित सामने आ रहे हैं, ऐसे शहरों में 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को अधिक से अधिक वैक्सीन लगाने का टारगेट है। भोपाल में 30 फीसदी और इंदौर में 40 फीसदी वैक्सीनेशन का टारगेट सेट किया है। उन्होंने बताया कि 11 से 14 अप्रैल तक टीका उत्सव के दौरान 80 फीसदी वैक्सीनेशन का टारगेट सेट किया गया है।
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