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भोपाल

MP में कुछ ऐसे लागू होगा कैशलेस सिस्टम, ये है सरकार का ‘PLAN 16’

नकद खरीदारी में कुछ ज्यादा ढीली होगी जेब, खास बात ये है कि केंद्र और राज्य सरकार के लिए हर सर्विस में कैशलेस सिस्टम को अपनाने की वकालत की गई है। 

भोपालNov 30, 2016 / 10:31 am

Anwar Khan

cashless system

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भोपाल। नोटबंदी के बाद मध्य सरकार ने कैशलेस वर्किंग पर ठोस कदम उठाए हैं। सरकार की हाईपावर कमेटी ने सिफारिश की है कि कैशलेस सिस्टम के लिए चुनिंदा सर्विसेस में नकद भुगतान पर कैश हैंडलिंग चार्जेस लगें। शैक्षणिक संस्थाओं, दुकानों और बड़े कारोबार के लायसेंस में कैशलेस पेमेंट की अनिवार्यता की शर्त जोड़ी जाए। कमेटी ने रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को सौंप दी है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले हफ्ते कैशलेस वर्किंग के लिए हाईपावर कमेटी बनाई थी। कमेटी ने सीएस कार्यालय को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें 47 सिफारिशें शामिल हैं। इसमें केंद्र सरकार के लिए 9, राज्य सरकार के लिए 22 और बैंकों के लिए 16 सिफारिश शामिल हैं। इसमें खास बात ये है कि केंद्र और राज्य सरकार के लिए हर सर्विस में कैशलेस सिस्टम को अपनाने की वकालत की गई है।


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वहीं एयर टिकट, पेट्रोल-डीजल, ऑटोमोबाइल, राज्य के टैक्स और सर्विस प्रोवाइडर में कैश हैंडलिंग चार्जेंस लगाने के लिए कहा गया है। यानी यदि आप कार्ड या चेक के जरिए भुगतान करते हैं, तो कम राशि लगेगी, जबकि नकद भुगतान में अतिरिक्त शुल्क लगेगा। पीएसओ मशीनों का इस्तेमाल बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। 




कमेटी का मानना है कि अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा तो कैश भुगतान घटेगा। कमेटी ने कार्ड के जरिए और ऑनलाइन भुगतान पर लगने वाले अतिरिक्त टैक्स को समाप्त करने की सिफारिश भी की है, ताकि उपभोक्ता को फायदा हो और वो भुगतान का तरीका बदलें। बैंकों के लिए जनधन खातों को सौ प्रतिशत करने और हर खाते में आधार व मोबाइल नंबर को अनिवार्य करने की वकालत की गई है।




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ये हैं कुछ खास सिफारिशें…
– केंद्र-राज्य के हर सर्विस प्रोवाइडर में कैश हैंडलिंग चार्जेस लगे। 
– एयर टिकट, पेट्रोल-डीजल, सीएनजी, ऑटोमोबाइल पर कैश हैंडलिंग चार्जेस लगे।
– सीबीएसई व स्टेट बोर्ड में कैशलेस को कोर्स में जोड़ा जाए।
– सभी शैक्षणिक संस्थाओं की मान्यता में फीस आदि में कैशलेस की अनिवार्यता जोड़ी जाए।
– कार्ड से भुगतान पर अतिरिक्त चार्जेस को खत्म किया जाए।
– ई-वॉलेट-मोबाइल वॉलेट का कॉमन नेटवर्क हो। ई-वॉलेट पर लगने वाले चार्ज खत्म हों।
– केंद्र और राज्य के टोल-नाकों पर केवल कैशलेस पेमेंट हो।
– दुग्ध महासंघ कैशलेस पेमेंट लें। असंगठित श्रमिकों को बैंक खातों में राशि दें। 
– नई दुकानों के रजिस्ट्रेशन में पीएसओ मशीन की अनिवार्यता की जाए।
– सरकारी कामकाज में पीओएस व मोबाइल एप से भुगतान हो।
– सरकारी ठेकों में बैंकिंग चैनल पेमेंट की शर्त रखी जानी चाहिए।
– राज्य सरकार की समस्त सेवाओं में कैशलेस पेमेंट किया जाए।
– धर्म व पर्यटन स्थलों में कैशलेस वर्किंग हो। पीओएस मशीन लगें।
– राज्य सरकार के टैक्स कैशलेस हो। नकद पर अतिरिक्त चार्ज लगे। 




कमेटी में कौन?
हाईपावर कमेटी में एसीएस दीपक खांडेकर, पीएस सहकारिता अजीत केसरी, पीएस ग्रामीण विकास नीलम शमीराव, संस्थागत वित्त आयुक्त अमित राठौर और एसबीआई व सेंट्रल बैंक के अफसर शामिल हैं। इन्हें कुछ प्रमुख सचिवों ने भी सुझाव भेजे थे। इन सुझावों को भी रिपोर्ट में शामिल किया गया है।

आगे क्या?
कैशलेस वर्किंग पर हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट को सीएस बीपी सिंह सीएम को दिखाएंगे। केंद्रीय स्तर के मामलों को कमेटी की रिपोर्ट के साथ केंद्रीय मंत्रालय को भेजा जाएगा। वहीं राज्य स्तर पर सीएम व सीएस के स्तर से काम शुरू होगा।

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