हालाकि, उन्हें फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने चर्चा की है, पर वे मानने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि, उन्हें चुनाव जीतने में कहीं कोई समस्या नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य साथ न देने के कारण वो किसी भी तरह के चुनावी दौरे करने की स्थिति में नहीं है। हालांकि, पार्टी के सूत्रों की मानें तो बीते लंबे समय से वो पार्टी और संगठन में अपनी उपेक्षा से नाराज़ चल रही थीं। चर्चा तो यहां तक है कि, उन्हें पार्टी के भीतर लगातार टारगेट भी किया जा रहा था। ये भी जानकारी है कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही पार्टी में उनकी उपेक्षा ज़्यादा होने लगी थी।
यह भी पढ़ें- बसपा की दूसरी लिस्ट जारी, 9 प्रत्याशियों के नाम घोषित, इस बार भी नहीं आया रामबाई का नाम
पत्र में यशोधरा ने बताई वजह
4 बार कोविड हुआ, चुनाव में भागदौड़ से परेशानी होगी यशोधरा ने नेतृत्व को चुनाव न लड़ने का कारण बताते हुए कहा है कि, वो बीते दिनों में 4 बार कोविड का शिकार हो चुकी हैं। शारीरिक तौर पर परिश्रम की स्थिति में नहीं हैं। चुनाव में लगातार भागदौड़ होने के कारण परेशानी बढ़ सकती है। इस वजह से वो चुनाव न लड़कर फिलहाल 5-6 महीने आराम करना चाहती हैं। वरिष्ठ नेताओं ने मुलाकात के दौरान उन्हें आश्वासन दिया गया कि, जल्द नेतृत्व निर्णय लेगा। इधर, सूत्रों का ये भी कहना है कि, कई और मंत्री भी चुनाव लड़ने से इंकार कर सकते हैं।