इसके पीछे की वजह उन स्थलों की ब्रांडिंग करना है ताकि ऐसे स्थल नए सिरे से चर्चा में आए। युवा पीढ़ी और पर्यटक इनसे जुड़ सके। इसके पीछे सरकार की मंशा ऐसे स्थलों पर आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना, क्षेत्रों के लोगों को सरकार का नजदीक से अहसास करना, क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को तवज्जो देना बताया जा रहा है। इसके साथ ही पिछड़े हुए क्षेत्रों में बैठक के जरिए सरकार वहां के हालात को भी टटोल सकेगी।
विकास को मिलेगी गति
मोहन सरकार की अगली कैबिनेट बैठक महेश्वर में तय हो चुकी है। यह मकर संक्रांति पर होगी। राजनीतिक मामलों के जानकारों का कहना है कि जब तक सरकारें मैदान में नहीं निकलेगी, तब तक वास्तविकता से रूबरू नहीं होंगी। यदि कोई सरकार सुख-सुविधाओं से दूर गांव-देहात में कैबिनेट बैठकें करने की दिशा में सोच रही है तो इसके जरिए निश्चित ही क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। यदि सरकार संबंधित क्षेत्र विकास की योजना लेकर आती है, लोगों से बातचीत करती है और फिर कैबिनेट बैठक करती है तो इससे अच्छा जनकल्याण की दिशा में कोई काम हो ही नहीं सकता।
वल्लभ भवन से बाहर एमपी सरकार
आमतौर पर सरकार वल्लभ भवन में बैठकर हर सप्ताह के मंगलवार को कैबिनेट बैठक करती आई है। सीएम डॉ. यादव ने अफसरों से कहा है कि सरकार उन अनछुए स्थलों, क्षेत्रों तक पहुंचना चाहती है, जो राज्य व राष्ट्रीय महत्व के हैं लेकिन कभी उन पर ध्यान नहीं गया। सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों को ऐसे स्थलों का अध्ययन करने, वहां के जनप्रतिनिधियों से उन स्थलों के बारे में चर्चा करने को कहा है ताकि वहां बैठकें की जाए या नहीं।