शनिवार को सीएम आवास पर कैबिनेट की बैठक में ड्राफ्ट को हरी झंडी मिली गई है। इसमें कानून को और सख्त बनाने संबंधी फैसला लिया गया। इससे पहले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी कानून को सख्त करने की बात कह चुके हैं। शनिवार सुबह सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक, 2020 के ड्राफ्ट को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी जानकारी दी।
सजा का प्रावधान
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- विधेयक के ड्राफ्ट के मुताबिक, गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज किया जाएगा। बिल के तहत, नाबालिग, महिला या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का जबरन धर्म परिवर्तन, 50,000 रुपये की न्यूनतम सजा के साथ 2-10 साल की न्यूनतम जेल की सजा देगा। कानून के तहत अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन के लिए संबंधित जिले के कलेक्टर को एक महीने पहले आवेदन देना होगा। धर्मांतरण कर शादी करने के लिए कलेक्टर के पास आवेदन देना अनिवार्य होगा।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- विधेयक के ड्राफ्ट के मुताबिक, गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज किया जाएगा। बिल के तहत, नाबालिग, महिला या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति का जबरन धर्म परिवर्तन, 50,000 रुपये की न्यूनतम सजा के साथ 2-10 साल की न्यूनतम जेल की सजा देगा। कानून के तहत अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन के लिए संबंधित जिले के कलेक्टर को एक महीने पहले आवेदन देना होगा। धर्मांतरण कर शादी करने के लिए कलेक्टर के पास आवेदन देना अनिवार्य होगा।
कानून में कुल 19 प्रावधान हैं, जिसके तहत अगर धर्म परिवर्तन के मामले में पीड़ित पक्ष के परिजन शिकायत करते हैं तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। अगर किसी शख्स पर नाबालिग, अनुसूचित जाति/जनजाति की बेटियों को बहला फुसला कर शादी करने का दोष सिद्ध होता है तो उसे दो साल से 10 साल तक कि सजा दी जाएगी। अगर कोई शख्स धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता हो तो उसकी शादी शून्य मानी जाएगी।