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एनजीटी सेंट्रल जोन बेंच के जस्टिस शिव कुमार सिंह और अरुण कुमार वर्मा ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई की। याचिका में विधायक ने बताया कि चंबल और सिंध नदियों में भिण्ड, दतिया, ग्वालियर और मुरैना जिले के कई स्थानों पर अवैध तरीके से रेत माफिया भारी मशीनों से उत्खनन कर रहा है। इससे नदी का प्रवाह बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जो पर्यावरण और मानव के लिए खतरनाक है। रेत माफिया इतना बेखौफ है कि पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों पर भी हमला कर चुका है।
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एनजीटी ने मामले को माना गंभीर
एनजीटी ने माना कि अवैध खनन न केवल नियमों के बार-बार उल्लंघन का मामला है, बल्कि इसमें इयूटी निभा रहे अधिकारियों पर माफिया द्वारा हमले का भी गंभीर मामला शामिल है। इसलिए एनजीटी ने सभी संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। उनसे चार सप्ताह में जबाव मांगा गया है। याचिकाकर्ता को भी एक सप्ताह में सभी संबंधित पक्षंकारों को याचिका से संबंधित शिकायत और सभी दस्तावेज देने के निर्देश दिए गए हैं। अगली सुनवाई चार अक्टूबर को होगी।