भोपाल

मप्र की फिल्म टूरिज्म पॉलिसी के फैन हुए कई राज्य, इसी की तर्ज पर तैयार करेंगे नीति

-पांचवें ग्लोबल फिल्म टूरिज्म कॉन्क्लेव में मप्र में फिल्म निर्माण की सुविधाओं को मिली सराहना-फिल्म निर्माण की सभी आवश्यक मंजूरी को लाया जाएगा लोकसेवा गांरटी में

भोपालJul 12, 2022 / 10:08 pm

manish kushwah

मप्र की फिल्म टूरिज्म पॉलिसी के फैन हुए कई राज्य, इसी की तर्ज पर तैयार करेंगे नीति

भोपाल. फिल्म, वेब सीरिज समेत टीवी सीरियल्स के निर्माण और इसकी शूटिंग के लिए मुफीद बने मध्यप्रदेश की फिल्म टूरिज्म पॉलिसी के मुरीद देश के कई राज्य हैं। इनमें उप्र और केंद्र शासित जम्मू एंड कश्मीर भी शामिल हैं। एक मई को मुंबई में आयोजित पांचवें ग्लोबल फिल्म टूरिज्म कॉन्क्लेव में मप्र ने बतौर स्टेट पार्टनर के रूप में भागीदारी की। यहां मप्र में फिल्म पर्यटन के लिए लागू की गई पॉलिसी और दी जाने वाली सुविधाओं को विस्तार से बताया गया। मालूम हो कि मप्र में फिल्मों की शूटिंग, फिल्म पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार और मप्र टूरिज्म बोर्ड ने वर्ष 2020 में फिल्म टूरिज्म पॉलिसी बनाई थी। इसके तहत फिल्म निर्माण के लिए जरूरी सभी आवश्यक मंजूरियों के लिए सिंगल विंडो व्यवस्था लागू की गई है। इसका जिम्मा मप्र टूरिज्म बोर्ड की फिल्म पर्यटन शाखा को सौंपा गया है। इसके अलावा मप्र के कलाकारों को प्रोत्साहन देने पर इंसेंटिव के साथ ही टैक्स में छूट की भी व्यवस्था है। इसके चलते मप्र में इस पॉलिसी के लागू होने के बाद से 150 से अधिक फिल्मों के अलावा वेबसीरिज और टीवी सीरियल्स शो की शूटिंग मप्र के अलग-अलग शहरों, पर्यटक स्थलों समेत वन क्षेत्रों में हो चुकी हैं। मप्र टूरिज्म बोर्ड के एमडी शिवशेखर शुक्ला के मुताबिक प्रदेश में फिल्म टूरिज्म को बढ़ाने के लिए लगातार नवाचार किए जा रहे हैं, जिससे फिल्म निर्माताओं के लिए बेहतर इन्फास्ट्रक्चर मुहैया करवाया जा सके।
फिल्म निर्माताओं को भाया मप्र का स्टॉल
चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित मुंबई के जुहू क्षेत्र में आयोजित पांचवें ग्लोबल फिल्म टूरिज्म कॉन्क्लेव का शुभारंभ अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने किया। मप्र से फिल्म टूरिज्म के डिप्टी डायरेक्टर उमाकांत चौधरी ने दल की अगुआई की। उन्होंने मप्र में फिल्मों की शूटिंग के लिए अनुकूल माहौल और पर्यटक स्थलों के बारे में जानकारी दी। कॉन्क्लेव में फिल्म निर्माताओं, कलाकारों के अलावा छत्सीगढ़, जम्मू एंड कश्मीर, हंगरी, नॉर्वे, पोलैंड, सऊदी अरब, स्पेन और तुर्की के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। इस दौरान मप्र के स्टॉल पर फिल्म टूरिज्म से संबंधित पॉलिसी और सुविधाओं को जानने के लिए आगंतुकों की भीड़ रही। मप्र द्वारा तैयार किए गए पर्यटक स्थलों के प्रेजेंटेशन को सभी ने सराहा। कॉन्क्लेव में फिल्म निर्माता निर्देशक मधुर भंडारकर, असित मोदी, जावेद जाफरी, नावेद जाफरी, मनोज जोशी समेत फिल्म निर्माण से जुड़ी कंपनियों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
लोकसेवा गारंटी के अंतर्गत आएंगी परमिशन
फिल्म टूरिज्म यूनिट के डिप्टी डायरेक्टर उमाकांत चौधरी ने बताया कि मप्र में फिल्म निर्माण से संबंधित आवश्यक मंजूरियों को अब लोक सेवा गारंटी के तहत लाया जाएगा। पहले ये मंजूरी के लिए अधिकतम 45 दिन तय किए गए थे, जिन्हें 15 दिन किया जाएगा। इसके अलावा मप्र के कलाकारों को अवसर देने वाले फिल्म निर्माताओं को दिए जाने वाले इंसेंटिव का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है। अब इसमें तकनीकी स्टाफ समलन कैमरा मैन, एडिटर समेत अन्य को शामिल करने पर भी ये सुविधा दी जाएगी।

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