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एमपी के लिए एग्जिट पोल जारी
0-इंडिया न्यूज-डी डायनामिक ने भाजपा को 28 और कांग्रेस को एक सीट दी है। 0-जन की बात ने 28-29 सीटें भाजपा को दी है, जबकि कांग्रेस को 1-0 सीट दी है। 0-इंडिया टीवी-सीएनएक्स ने 28-29 सीटें भाजपा को दी है। वहीं कांग्रेस को 1-0 सीट दी है। 0-रिपब्लिक भारत-पीमार्क ने भाजपा को 28 और कांग्रेस को 1 सीटें दी हैं। 0-न्यूज नेशन नेटवर्क ने भी एमपी में भाजपा को 28 सीटें दी हैं।
छिंदवाड़ा में क्लोज फाइट
India Today-Axis My India Exit Poll 2024: इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया ने एमपी में भाजपा का परचम लहराया है। भाजपा को 61 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद जताई है। इस एग्जिट पोल के आंकड़े बताए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि मध्यप्रदेश में भाजपा पुराना रिकार्ड दोहराएगी। भाजपा को 28-29 सीटें मिल रही है। कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में क्लोज फाइट है।ABP-सी-वोटर एग्जिट पोल में भी भाजपा का दबदबा
मध्यप्रदेश के लिए एबीपी सी-वोटर ने एग्जिट पोल में बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए को मध्यप्रदेश में 26 से 28 सीटें मिलना बताया गया है। वहीं इंडिया ब्लाक को 1 से 3 सीटों से संतोष करना पड़ेगा। यदि वोट शेयर के लिहाज से देखें तो एनडीए को 53.5 प्रतिशत वोट मिलते नजर आ रहे हैं। वहीं इंडिया गठबंधन को 37.6 फीसदी वोट मिल सकते हैं। अन्य के खाते में 8.9 फीसदी वोट शेयर जाने का अनुमान है।क्या भाजपा करेगी क्लीन स्विप
टीवी9 भारतवर्ष, पोलस्टार और पीपुल्स इनसाइट ने अपने सर्वे के आधार पर कहा है कि मध्यप्रदेश में भाजपा इस बार मिशन 29 पूरा कर सकती है। यानी भाजपा मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटें जीत सकती है। एनडीए गठबंधन को 67.54 प्रतिशत और इंडिया ब्लाक को 24.93 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं, जबकि अन्य को 7.53 वोट मिलने का अनुमान है। इटीजी-टाइम्स नाऊ ने भी सर्वेक्षण कर बताया है कि मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ चुनाव हार सकते हैं और मध्यप्रदेश में भाजपा 29 सीटें जीत सकती है।पिछली बार कितने सही थे आंकड़े
पिछले लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें तो लोकसभा चुनाव के आंकड़े काफी हद तक करीब ही थे। पिछली बार न्यूज 18, आईपीएसओएस के आंकड़ों में भाजपा को 24 से 27 सीटों का अनुमान बताया था। सी वोटर की बात करें तो उन्होंने बीजेपी के खाते में 24 सीटों का अनुमान बताया था। वहीं इंडिया टुडे एक्सिस ने बीजेपी को 26 से 28 सीटें जीतने का अनुमान बताया था। इनके परिणाम इसी के करीब रहे और भाजपा ने मध्यप्रदेश में 29 में से 28 सीटें जीत ली थी।ये हैं एमपी की सीटें
एमपी में मालवा-निमाड़, बुंदेलखंड, महाकौशल, विंध्य और ग्वालियर क्षेत्र है। सभी अंचलों में कुल 29 लोकसभा सीटें हैं। इनमें सबसे अधिक सीटें मालवा निमाड़ में हैं। यहां 8 लोकसभा सीटें हैं। इनके अलावा सीधी (एसटी), शहडोल, जबलपुर, मंडला (एसटी), बालाघाट, छिंदवाड़ा, सागर, टीकमगढ़ (एससी), दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा, होशंगाबाद, मुरैना, भिंड (एससी), ग्वालियर, गुना, विदिशा, भोपाल, राजगढ़, बैतूल (एसटी), देवास (एससी), उज्जैन (एससी), मंदसौर, रतलाम (एसटी), धार (एसटी), इंदौर, खरगोन, खंडवा शामिल है।इस बार इन दिग्गजों की साख दांव पर
मध्यप्रदेश में चार चरणों में हुए चुनाव में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और दिग्विजय सिंह जैसे दिग्गज नेताओं की भी साख दांव पर लगी हुई है। इसी कारण मध्यप्रदेश की गुना, विदिशा और राजगढ़ सीटें हॉट सीट बन गई है। शिवराज सिंह चौहान 20 वर्षों बाद केंद्र की राजनीति में जाने की तैयारी कर रहे हैं। जबकि दिग्विजय सिंह की साख दांव पर लगी है, क्योंकि 2019 का भी चुनाव वे भोपाल लोकसभा सीट से हार गए थे। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुना सीट पारंपरिक है, वे भी पिछला चुनाव कांग्रेस में रहते हुए हार गए थे।542 सीटों के एग्जिट पोल
लोकसभा चुनाव के 7 चरणों में इस बार 543 में से 542 सीटों पर वोटिंग हुई है। इस बार रिजल्ट से पहले ही गुजरात राज्य के सूरत का भाजपा उम्मीदवार पहले ही विजयी घोषित हो चुका है। इसके बाद 542 सीटों के एग्जिट पोल जारी हुए हैं। अक्सर यह एग्जिट पोल सटीक भी साबित होते हैं और कई बार इसमें बहुत बड़ा अंतर भी देखने को मिलता है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव जीतने के लिए बहुमत का आकड़ा 272 है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों की चर्चा करें तो भाजपा की एनडीए गठबंधन लगातार दो बार से बहुमत के आंकड़े से अधिक सीटें ला रही है। और इस बार भाजपा ने 400 पार का नारा दिया है।
शनिवार शाम 6.30 बजे बाद जब देशभर के टीवी चैनलों में एग्जिट पोल जारी किए जाएंगे, तो इस दौरान होने वाली डिबेट में कांग्रेस ने शामिल होने से इनकार किया है। कांग्रेस पार्टी ने फैसला लिया है कि वो टीवी चैनलों, सोशल और डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म पर होने वाली डिबेट में अपने प्रवक्ताओं को नहीं भेजेगी। एग्जिट पोल की तारीख से ठीक एक दिन पहले कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है। उनका मानना है कि बहस से कोई सार्थक नतीजे सामने नहीं आते हैं। पार्टी का मानना है कि चार जून को जब रिजल्ट सामने होगा तो देश की जनता का जनादेश सामने आ जाएगा, पार्टी इसे स्वीकार करेगी।