मध्य प्रदेश में इस बार तीन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेंद्र खटिक और फग्गन सिंह कुलस्ते भी संसद पहुंचे। सिंधिया पिछली बार राज्यसभा से संसद पहुंचे थे। साथ ही चुनावी मैदान में खड़ीं 6 महिलाएं भी जीतीं हैं।
इनमें भिंड से संध्या राय, सागर से लता वानखेड़े, बालाघाट से भारती पारधी, धार से सावित्री ठाकुर, रतलाम से अनिता चौहान और शहडोल से हिमाद्री सिंह हैं। पिछली बार भाजपा से चार महिलाएं सांसद बनीं थीं। इसमें संध्या और हिमाद्री भी थीं। उनके साथ सीधी से रीति पाठक और भोपाल से प्रज्ञा ठाकुर भाजपा से सांसद बनी थीं।
मुख्यमंत्री ने बहाया जमकर पसीना
एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के लिए चुनाव अहम रहा। उन्होंने जबरदस्त दौरे किए, भाषणों की झड़ी लगा दी। 142 सभा और 55 रोड शो किए। वे खुद तो स्थापित हुए, पार्टी हर सीट पर मजबूत होती गई। प्रचार में अयोध्या के राम और उज्जैन के महाकाल के साथ कृष्ण की मथुरा की बात भी दमदारी से उठाई। यादव बहुल सीटों पर उनका करिश्मा कामयाबी तक ले गया।
सीएम बोले पटवारी की हर चाल नाकामयाब रही
जीतू पटवारी की हर चाल नाकामयाब रही। किसानों से कहा भाजपा प्रत्याशी को 1-1 मुठ्ठी गेहूं-धान देकर न्यूनतम समर्थन मूल्य मांगना, मगर ऐसा कहीं नहीं हुआ। गृहनगर इंदौर में प्रत्याशी भाजपा में चला गया। विंध्य कोठी में दलालों का जमावड़ा.. बयान से सरकार को घेरना चाहते थे, पर कांग्रेस में किसी ने साथ नहीं दिया। जीतू पटवारी बोले ‘हार मेरी जिम्मेदारी’
परिणाम की जिम्मेदारी लेता हूं। एकजुटता से लड़े, आत्ममंथन के साथ बदलाव को तैयार हैं। इंदौर में जनता ने नोटा से भाजपा को तमाचा मारा।
– जीतू पटवारी, अध्यक्ष, प्रदेश