मध्यप्रदेश बना पहला राज्य
राज्य निर्वाचन आयोग से मिली ने जानकारी के अनुसार पंचायतों और नगरीय निकायों के सरल, सुगम एवं पारदर्शितापूर्ण मतदान प्रक्रिया सम्पन्न कराने के उद्देश्य से पेपरलेस बूथ की योजना बनाई गई है। पंचायत निर्वाचन में मतदान केन्द्र पर सभी प्रक्रियाओं को सम्पन्न कराने और रिपोर्टिंग के लिये 26 प्रपत्र भरे जाते हैं। इनमें थोड़ी भी गलती होने पर अनेक विवाद होते हैं। साथ ही कोर्ट केस भी बनते हैं। पेपरलेस बूथ करने पर इन प्रपत्रों को डिजिटलाइज किया जा रहा है। इसका पहला प्रयोग रतुआ रतनपुर में किया गया, जो पूर्ण रूप से सफल रहा।
मतदान का प्रतिशत और मत-पत्र लेखा किया ऑनलाइन
इस प्रक्रिया में मतदाताओं की पहचान और उनके मत देने के रिकार्ड के रूप में हस्ताक्षर और अंगूठा लगाने को इलेक्टॉनिकली किया गया। मतदान का प्रतिशत और मत-पत्र लेखा ऑनलाइन किया गया। मतदान का प्रतिशत हर 2 घंटे में ऑनलाइन सभी प्लेटफॉर्म पर प्राप्त हो रहा है। वोटिंग खत्म के बाद अभ्यर्थियों और मतदान अभिकर्ताओं को मत-पत्र लेखा भी उनके ई-मेल आईडी पर दिए गए। इस पेपरलेस बूथ की संकल्पना को आगे साकार करने के लिये हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों स्तर पर कार्य किया जा रहा है। जिससे भविष्य में यह व्यवस्था पूरे प्रदेश के मतदान केन्द्रों पर लागू कर सकें।