आपको बता दें कि, बीते 1 जून 2023 को सामान्य प्रशासन विभाग ने एक आदेश जारी किया, जो ‘मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष’ और ‘सीएम उद्यम शक्ति योजना’ की मॉनिटरिंग करने के लिए था। प्रशासन की ओर से जारी आदेश की प्रति अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। कांग्रेस का दावा है कि, इस सरकारी आदेश में कमलनाथ द्वारा घोषित की गई ‘नारी सम्मान योजना’ का जिक्र है।
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उप सचिव ने लगाया योजना चोरी का आरोप
बता दें कि, ये ही वो वजह है, जहां से भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरु कर दी। इसपर भाजपा की ओर से पलटवार किया गया कि, अगस्त 2022 की कैबिनेट में ‘मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष’ का जिक्र पहले से है। यही नहीं, भाजपा ने ये आरोप भी लगाया कि, कांग्रेस ने इस योजना को चोरी किया है। इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग के उप सचिव अजय कटेसरिया ने भी बयान दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो उन्होंने कहा कि, सीएम नारी सम्मान कोष और उद्यम शक्ति योजना का संचालन महिला वित्त विकास निगम करता है। इसे अगस्त 2022 में कैबिनेट से मंजूरी मिली थी। उसी की मॉनिटरिंग के लिए 1 जून को कमेटी बनाई गई है।
‘अफसरशही ने भी कमलनाथ को माना सीएम’- कांग्रेस
वहीं, दूसरी तरफ कमलनाथ के मीडिया एडवाइजर पीयूष बबेले ने प्रशासनिक आदेश को अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा कि, ‘अब अफसरशाही ने भी कमलनाथ को मन से मुख्यमंत्री मान लिया है। सरकारी आदेश में कमलनाथ की नारी सम्मान योजना का पक्ष निकाला गया है। मुख्यमंत्री की योजना का नाम गायब है।’ हालांकि, उनके इस ट्वीट से दोनों पक्षों में जुबानी जंग छिड़ गई।
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भाजपा का पलटवार
पीयूष बबेले के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता नरेंद्र सलूजा ने कैबिनेट नोट जारी कर दिया। इसी के साथ उन्होंने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री नारी सम्मान कोष’ शिवराज सरकार ने बनाया था और इसे कैबिनेट से मंजूरी दी गई थी।