भोपाल। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री उमा भारती का बड़ा बयान आया है। उन्होंने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के लिए हाल ही में आए एग्जिट पोल के बारे में कहा है कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है। दोनों राज्यों में कांग्रेस संगठन बेहद कमजोर हो गया है और भाजपा फिर से वापसी कर रही है।
BJP की फायर ब्रांड नेता उमा भारती (uma bharti) ने यह बयान रविवार को दिल्ली में एक एजेंसी को दिया है। भारती ने कहा कि इसस समय देश में और भाजपा में प्रधानमंत्री मोदी का कोई विकल्प नहीं है। न भाजपा में और न राजनीति में। उन्होंने कहा कि हर सर्वेक्षण में यह बात सामने आ रही है कि PM मोदी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। मोदी का विकल्प लंबे ससमय तक नहीं है।
भारती ने कहा कि कांग्रेस जनता से कटी हुई और सत्ता आधारित पार्टी है, जो लगातार नीचे गिर रही है और मोदी की लोकप्रियता के आधार पर भाजपा फिर से इन राज्यों में वापसी करेगी।
हर बात पर मोदी से पूछा जाता है जवाब
भारती ने कांग्रेस पर असहिष्णुता फैलाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में सबसे ज्यादा सहिष्णुता का शिकार नरेन्द्र मोदी हुए हैं। किसी भी राज्य में छोटी-सी भी घटना हो जाए, तो भाजपा सत्ता में भी नहीं है, लेकिन फिर भी सवाल मोदी से पूछे जाते हैं। छोटा-सा कार्यकर्ता भी यदि कोई बयान दे देगा तो कटघरे में मोदी को खड़ा कर दिया जाएगा। विपक्षी दल पूरे समय प्रधानमंत्री मोदी (pm narendra modi) पर प्रहार करने में लगे रहते हैं।
देश में आए ये बदलाव
जब भारती से पूछा गया कि देश में क्या सोचा गया बदलाव आया तो उन्होंने कहा कि जनधन योजना के जरिए ही परिवार का बैंक खाता खुलना, स्वच्छ भारत अभियान में जनता की बढ़चढ़ कर भागीदारी, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत गरीबों को इलाज के लिए इतनी बड़ी सहायता मिलना, यह सब बदलाव ही हैं। भारती ने कहा कि अब तो गंगा की सफाई का काम दिखने लगा है।
और क्या बोलीं उमा भारती
-कांग्रेस (congress) जनता से पूरी तरह कट चुकी है। वह सत्ता आधारित पार्टी है। पांच दस साल सत्ता से दूर रहना तो वह झेल लेती है, लेकिन फिर उसका पतन शुरू हो जाता है।
-मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) का लोगों से व्यक्तिगत जुड़ाव है। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह (raman singh) ने बहुत मेहनत की। वसुंधरा राजे राजस्थान में फिर से सरकार बनाएंगी और राजस्थान में हर 5 साल में सरकार बदलने का चलन इस बार बदलेगा।